13 बार गैर नेहरु-गांधी अध्यक्षों ने संभाली कांग्रेस की कमान, जानें कब किसे मिली जिम्मेदारी

13 बार गैर नेहरु-गांधी अध्यक्षों ने संभाली कांग्रेस की कमान, जानें कब किसे मिली जिम्मेदारी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-04 04:39 GMT
हाईलाइट
  • 13 अध्यक्षों का गांधी परिवार से दूर-दूर तक नाता नहीं रहा
  • 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस के 19 अध्यक्ष हुए
  • गांधी परिवार के पास पार्टी की कमान 37 सालों तक रही

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। राहुल गांधी ने बुधवार को चार पन्नों को एक भावुक पत्र लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए पत्र अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया। राहुल के इस्तीफे बाद तस्वीर साफ हो गई है कि 134 साल पुरानी पार्टी को कोई गैर नेहरू-गांधी अध्यक्ष मिलेगा। अगर इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो 1947 में देश की आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस के 19 अध्यक्ष हुए हैं। जिसमें सिर्फ 5 अध्यक्ष ही गांधी परिवार से रहे। जिसमें इंदिरा दो बार अध्यक्ष चुनी गई। जबकि 13 अध्यक्षों का गांधी परिवार से दूर-दूर तक नाता नहीं रहा, लेकिन ये भी एक बड़ा सच है कि गांधी परिवार के सदस्यों के पास पार्टी की कमान 37 सालों तक रही है। आइये जानते हैं कब-कब किसने संभाली कांग्रेस की कमान...

1885 में स्थापना के बाद 87 अध्यक्षों ने कांग्रेस का नेतृत्व किया। इनमें से 19 अध्यक्ष आजादी के बाद के 72 साल में बने। इनमें से 37 साल नेहरू-गांधी परिवार का सदस्य ही पार्टी अध्यक्ष रहा। कभी देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस आज बुरे दौर से गुजरे रही है। 28 दिंसबर 1883 में अस्तिव में आई इस पार्टी का काम आज से पहले राहुल गांधी संभल रहे थे। राहुल को पार्टी की जिम्मेदारी 11 दिसंबर 2017 को दी गई थी। राहुल ने पार्टी का नेतृत्व करते हुए मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में पार्टी को जीत दिलाई। इस जीत के बाद से न केवल कार्यकर्ताओं में जोश, उमंग, उम्मीदें जागी, बल्कि राहुल का कद राजनीति में पहले से ज्यादा बढ़ गया। विधानसभा की जीत से पहले ये माना जा रहा था कि मोदी-शाह की जोड़ी को मात देना मुश्किल है, लेकिन राहुल ने जीत हासिल कर साबित किया कि देश का मूड कुछ ओर ही है। हालांकि जीत का ये सिलसिला लोकसभा चुनाव 2019 तक बरकरार नहीं रहा। पार्टी ने राहुल के नेतृ्त्व में चुनाव लड़ा और सिर्फ 52 सीट पर ही जीत हासिल की। खुद राहुल अपनी अमेठी सीट गंवा बैठे। इस हार के बाद राहुल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया और उस पर कायम रहे। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वे विफल रहे।

कब-कब किसने संभाली कांग्रेस की कमान

नं कार्यकाल का समय

गैर नेहरु-गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष

1 1947-48

देश की आजादी के बाद जेबी कृपलानी कांग्रेस के पहले अध्यक्ष चुने गए। उन्हें मेरठ में कांग्रेस के अधिवेशन में यह जिम्मेदारी दी गई थी। कृपलानी ने 1948 तक अध्यक्ष पद की कमान संभाली।

2 1948-49

कृपलानी के बाद कांग्रेस की कमान पट्टाभि सीतारमैया ने संभाली। उन्होंने जयपुर कांफ्रेंस की अध्यक्षता की थी। सीतारमैया के पास भी एक साल तक पार्टी की जिम्मेदारी रही।

3 1949-50

हिन्दी को अधिकारिक भाषा देने की मांग करने वाले पुरुषोत्तम दास टंडन 1949-50 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे। नासिक अधिवेशन की अध्यक्षता टंडन ने ही की थी। 

4 1955-59

यूएन ढेबर इस बीच कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अमृतसर, इंदौर, गुवाहाटी और नागपुर के अधिवेशनों की अध्यक्षता की थी। पूरे पांच साल जिम्मेदारी संभालने के बाद 1959 में इंदिरा गांधी अध्यक्ष चुनी गई।

5 1960-63

तीन साल के लिए नीलम संजीव रेड्डी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कमान संभाली। उन्होंने बंगलूरु, भावनगर और पटना के अधिवेशनों की अध्यक्षता की थी। इसके बाद रेड्डी देश के छठे राष्ट्रपति बने थे।

6 1964-67

इस दौरान भारतीय राजनीति में किंगमेकर कहे जाने वाले के. कामराज कांग्रेस के अध्यक्ष हुए। उन्होंने भुवनेश्वर, दुर्गापुर और जयपुर के अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। कामराज ने पं. नेहरू की मौत के बाद लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री बनने में अहम भूमिका निभाई अदा की थी।

7 1968-69

एस. निजलिंगप्पा ने 1968 से 1969 तक कांग्रेस की अध्यक्षता की थी। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

8 1970-71

बाबू जगजीवन राम 1970-71 के बीच कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।

9 1972-74

शंकर दयाल शर्मा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। नीलम संजीव रेड्डी के बाद शंकर दयाल शर्मा दूसरे अध्यक्ष रहे, जिन्हें बाद में राष्ट्रपति बनने का मौका मिला।

10 1975-77

देवकांत बरुआ कांग्रेस के अध्यक्ष बने। यह इमरजेंसी का दौर था। देवकांत बरुआ ने ही इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा का चर्चित नारा दिया था।

11 1977-78

इस दौरान ब्रह्मनंद रेड्डी कांग्रेस के अध्यक्ष बने। बाद में कांग्रेस का विभाजन हो गया। जिसके बाद इंदिरा गांधी कांग्रेस(आई) की अध्यक्ष बनीं। वह 1984 में हत्या होने तक पद पर रहीं।

12 1991-96

राजीव गांधी की हत्या के बाद पीवी नरसिम्हा राव कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। नरसिम्हा राव बाद में देश के प्रधानमंबने।

13 1996-98 

सीताराम केसरी कांग्रेस अध्यक्ष बने। उन्होंने कोलकत्ता अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। 

 

नं. कार्यकाल का समय नेहरु-गांधी परिवार से कांग्रेस अध्यक्ष
1 1951-1954 पंडित जवाहर लाल नेहरु
2 1969-1978 इंदिरा गांधी
3 1984 इंदिरा गांधी 
4 1985-1991 राजीव गांधी
5 1998-2017 सोनिया गांधी
6 2017-2019 राहुल गांधी 

कांग्रेस के इतिहास में सोनिया गांधी का अध्यक्ष के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। सोनिया गांधी ने 1998 से 2017 तक पूरे 19 साल तक कांग्रेस की कमान संभाली। सोनिया के कार्यकाल के दौरान 10 साल कांग्रेस की सत्ता केन्द्र में रही। इस दौरान मनमोहन सिंह 2004 और 2009 में कांग्रेस पार्टी से भारत के प्रधानमंत्री बने। गांधी परिवार के अध्यक्षों के नेतृत्व में कांग्रेस ने 10 में से 4 चुनाव हारे, राजीव-सोनिया और राहुल के नेतृत्व में पार्टी को हार मिली। जबकि अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में गैर नेहरू-गांधी अध्यक्षों ने 7 बार पार्टी का नेतृत्व किया। जिसमें से 4 चुनावों में जीत मिली। 

कांग्रेस के इतिहास की बात की जाए तो इस पार्टी की स्थापना आजादी से 62 साल पहले 28 दिसंबर 1885 को स्कॉटलैंड के रिटायर्ड अधिकारी एलन ऑक्टेवियन ह्यूम (एओ ह्यूम) ने की थी। पार्टी का पहला अधिवेशन बॉम्बे (मुंबई) में हुआ था। इसकी अध्यक्षता कलकत्ता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। 134 साल बाद पुरानी इस पार्टी ने देश को 10 प्रधानमंत्री दिए। जिनमें जवाहर लाल नेहरू, गुलजारीलाल नंदा, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिंह राव, मनमोहन सिंह शामिल है। मनमोहन सिंह, इंदिरा गांधी, गुलजारी लाल नंदा दो बार देश के प्रधानमंत्री बने है। 

 

 

 

 

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