महाराष्ट्र: शीतकालीन सत्र में विपक्ष में ​बैठेगी शिवसेना, मोदी सरकार का करेगी विरोध

महाराष्ट्र: शीतकालीन सत्र में विपक्ष में ​बैठेगी शिवसेना, मोदी सरकार का करेगी विरोध

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-16 14:38 GMT
महाराष्ट्र: शीतकालीन सत्र में विपक्ष में ​बैठेगी शिवसेना, मोदी सरकार का करेगी विरोध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच चले सियासी घमासान के बाद अब दोनों पार्टियां संसद में भी एक-दूसरे से अलग नजर आएंगी। 50-50 फॉर्मूले को लेकर दोनों पार्टियों के अलग होने के बाद अब तक NDA की सहयोगी रहने वाली शिवसेना अब विपक्षी खेमे में बैठेगी। शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने शनिवार को बताया कि हमें पता चला है कि संसद में पार्टी के दो सांसदों की बैठने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है।

 

 

वहीं राज्य सभा के सूत्रों से भी यही जानकारी मिली है कि पार्टी के दो सांसदों की बैठने की व्यवस्था बदली गई है। जिन सांसदों की सीटों में बदलाव हुआ है, उनमें पार्टी नेता संजय राउत और अनिल देसाई के नाम शामिल हैं। बता दें कि सीटों में हुए बदलाव से पहले शिवसेना सांसद की तरफ से देश के उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से अपील की गई थी कि वे संसद में सरकार से अलग बैठना चाहते हैं। जानकारी के मुताबिक नई बैठक व्यवस्था में संजय राउत के लिए 198 नंबर की सीट तय की गई है, जबकि इससे पहले वह 38 नंबर की सीट पर बैठते थे।

 

 

NDA पर संजय का तंज

संसद में विपक्ष में बैठने जा रहे शिवसेना सांसद संजय राउत ने NDA पर भी निशाना साधा। उन्होंने NDA पर तंज कसते हुए कहा कि "पहले की NDA में और आज की NDA में बहुत बड़ा अंतर है। आज NDA का संयोजक कौन है? आडवाणी जी, जो इसके संस्थापकों में से एक थे, वे या तो छोड़ चुके हैं या निष्क्रिय (राजनीति में) हैं।"

 

 

उद्धव ठाकरे बने मुख्यमंत्री : संजय

वहीं संजय राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "निस्संदेह महाराष्ट्र में हम जो सरकार बनाने जा रहे हैं, वह शिवसेना के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में होगी।" साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर अपनी इच्छा जाहिर करते हुए बताया कि "हम चाहते हैं कि सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे साहब करे।" इस दौरान जब संजय से पूछा गया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ 50-50 फॉर्मूले की क्या भूमिका रहेगी, तो उन्होंने कहा कि "सभी को थोड़ा समय दिया जाए, बाकि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में सभी पार्टियों के बीच एकमत हुआ है।"

 

 

 

न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर बनी सहमति

बता दें कि शिवसेना, कांग्रेस और NCP के बीच शुक्रवार को कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में सहमति बन गई है। जिन मुद्दों पर सहमति बनी है उनमें किसान कर्जमाफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं। वहीं पूरे कार्यकाल के लिए शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिलेगा। जबकि NCP और कांग्रेस को एक-एक डिप्टी सीएम का पद दिया जाएगा। इसके अलावा शिवसेना को 14 मंत्री पद, NCP को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्री पद मिलेंगे। 

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