राम मंदिर की तरह ही बनाया जाएगा अयोध्या का रेलवे स्टेशन : मनोज सिन्हा

राम मंदिर की तरह ही बनाया जाएगा अयोध्या का रेलवे स्टेशन : मनोज सिन्हा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-21 09:41 GMT
राम मंदिर की तरह ही बनाया जाएगा अयोध्या का रेलवे स्टेशन : मनोज सिन्हा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि "जिस तरह भगवान श्रीराम का मंदिर बनाया जाएगा, ठीक उसी तरह अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी बनाया जाएगा।" मंगलवार को अयोध्या और फैजाबाद रेलवे स्टेशन के लिए 210 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की शुरुआत करने पहुंचे मनोज सिन्हा ने ये बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि "अभी तक अयोध्या और फैजाबाद रेलवे स्टेशनों का डेवलपमेंट नहीं हो पाया था, लेकिन अब सरकार इन दोनों स्टेशनों पर काफी काम करा रही है।"

ये श्रीराम की जन्मभूमि है : सिन्हा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को 210 करोड़ रुपए के रेलवे प्रोजेक्ट की शुरुआत करने पहुंचे रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि "अयोध्या में नया रेलवे स्टेशन राम मंदिर की तरह ही बनाया जाएगा। इस स्टेशन को इस तरह से बनाया जाएगा कि दुनियाभर से लोग आएं तो गर्व से कहें कि ये श्रीराम की जन्मभूमि है।" उन्होंने कहा कि "अयोध्या को डेवलप करके उस लेवल में लाना है कि देश के हर कोने से ट्रेन अयोध्या आ सके। इसका इंतजाम भारत सरकार करेगी।" सिन्हा ने कहा कि "देश के हर कोने से लोग अयोध्या आते हैं। अभी तक अयोध्या और फैजाबाद के रेलवे स्टेशनों का डेवलप लोगों की उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पाया था, लेकिन अब हमारी सरकार इन दोनों स्टेशनों पर काफी काम करा रही है।"

2021 तक पूरा हो जाएगा काम

अयोध्या पहुंचे मनोज सिन्हा ने बताया कि "210 करोड़ रुपए में से 80 करोड़ अयोध्या रेलवे स्टेशन के री-कंस्ट्रक्शन पर खर्च किए जाएंगे, जबकि बाकी के 130 करोड़ रुपए अयोध्या में रेलवे का माल और गोदामों की शिफ्टिंग पर खर्च किए जाएंगे।" उन्होंने बताया कि "इन प्रोजेक्ट्स का काम इसी साल जून में शुरू हो जाएगा, जिसे 2021 तक पूरा करने का टारगेट रखा है।" इसके अलावा अयोध्या रेलवे स्टेशन पर 1 लाख से ज्यादा लोग रह सकें, इसके लिए रेल मिनिस्ट्री काम कर रही है।

अयोध्या को लेकर क्या है विवाद?

अयोध्या विवाद इस देश का सबसे बड़ा विवाद है, जिस पर राजनीति भी होती रही है और सांप्रदायिक हिंसा भी भड़की है। हिंदू पक्ष ये दावा करता है कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है और इस जगह पर पहले राम मंदिर हुआ करता था। जिसे बाबर के सेनापति मीर बांकी ने 1528 में तोड़कर यहां पर मस्जिद बना दी थी। तभी से हिंदू-मुस्लिम के बीच इस जगह को लेकर विवाद चलता रहा है। अयोध्या विवाद ने 1989 के बाद से तूल पकड़ा और 6 दिसंबर 1992 को हिंदू संगठनों ने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बनी विवादित बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। जिसके बाद ये मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया और अब सुप्रीम कोर्ट में है।

14 मार्च को होगी अगली सुनवाई

अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस केस में पहले सभी मुख्य पक्षकारों की दलील सुनी जाएगी, उसके बाद दूसरी पिटीशंस पर सुनवाई होगी। इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा ने कहा कि इस मामले को सिर्फ एक जमीन विवाद की तरह ही देखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 2 हफ्ते के अंदर सभी डॉक्यूमेंट्स तैयार करने को कहा है और इसी के साथ अब इस मामले की सुनवाई अब 14 मार्च को की जाएगी।

 

Similar News