दावोस में मिल सकते है मोदी -ट्रंप, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 22 से

दावोस में मिल सकते है मोदी -ट्रंप, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 22 से

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-10 03:59 GMT

डिजिटल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 2018 की पहली मुलाकात जल्द ही हो सकती है। दरअसल 22 जनवरी को स्विट्जरलैंड के शहर दावोस में विश्व व्यापार मंच यानी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का आयोजन हो रहा है। इसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्पीच देंगे। वहीं  व्हाइट हाउस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए ये जानकारी दी। 1997 के बाद इस प्रतिष्ठित वैश्विक व्यापारिक सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करने वाले नरेन्द्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। अमेरिका-पाकिस्तान की तल्खी के बीच मोदी-ट्रंप की ये मुलाकात काफी अहम साबित हो सकती है।

 


बैंकरों का महत्वपूर्ण सम्मेलन

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, साठ देशों के शीर्ष नेता व विश्व की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिस्सा लेंगे। वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु  ने यहां मीडिया से कहा, "प्रधानमंत्री पहली बार डब्ल्यूईएफ में शिरकत करने जा रहे हैं, एक ऐसे समय में जब पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है।" उन्होंने कहा, "डब्ल्यूईएफ विश्व के व्यापारिक नेताओं और बैंकरों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सम्मेलन है। एक तरह से यह फैसले लेने का एक वैश्विक मंच है। बीते साल चीन के राष्ट्रपति के यहां आने की काफी चर्चा हुई थी।"

 

 

60 देशों के 350 राजनीतिज्ञ

वाणिज्य मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, सम्मेलन 22 से 27  जनवरी तक चलेगा, प्रधानमंत्री नेरेन्द्र मोदी 23 जनवरी को सम्मेलन के पहले पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करेंगे। इसके अलावा कई भारतीय मंत्री महत्वपूर्ण सामूहिक चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। मोदी पांच दिन के इस सम्मेलन में वैश्विक निवेशकों को भारत में निवेश के विशाल अवसरों की ओर आकर्षित करने के साथ-साथ अपनी सरकार के नीतियों और कार्यक्रमों की भी जानकारी देंगे।  सालाना बैठक में 60 देशों के प्रमुखों समेत 350 राजनीतिज्ञ भाग लेंगे।

 

ये भी होंगे शामिल

इनमें प्रभु के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर शामिल हैं प्रभु ने बताया कि इनके साथ आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू व देवेंद्र फडणवीस भी सम्मेलन में शामिल होंगे।

 

 

सारा सैंडर्स का बयान

वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी सारा सैंडर्स ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस मौके पर दुनिया के नेताओं के सामने अपने अमेरिका फर्स्ट के एजेंडा को रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस साल विश्व आर्थिक मंच पर ट्रंप अमेरिकी व्यवसाय, उद्योग और कामगारों को मजबूती देने के लिए अपनी नीतियों को प्रमोट करेंगे। 

 

 

अमेरिका-पाक की तल्खी के बीच अहम मुलाकात

अमेरिका की ओर से पाकिस्तान पर बनाए जा रहे लगातार दबाव के बीच मोदी-ट्रंप की ये मुलाकात काफी अहम हो सकती है। भारत हमेशा से ही पाकिस्ताम पर आतंकवाद को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है। अमिरका भी अब मान चुका है कि पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगार देश है। इसी के चलेते सख्ती दिखाते हुए अमेरिका ने  पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर (इंडियन करंसी के हिसाब से करीब 1626 करोड़ रुपए) की मिलिट्री एड (सैन्य मदद) रोक दी थी। ट्रम्प ने नए साल के पहले दिन पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि वो अमेरिका से आतंकवाद के खात्मे के नाम पर 15 साल में 33 बिलियन डॉलर (2.14 लाख करोड़ रुपए) ले चुका है, इसके बावजूद धोखा दे रहा है।

 

 

20 साल बाद भारतीय पीएम होंगे शामिल

आखिरी बार 1997 के दावोस सम्मेलन में तत्कालीन पीएम एचडी. देवेगौड़ा शामिल हुए थे। उनके बाद किसी भारतीय पीएम ने इस सम्मेलन में शिरकत नहीं की। 20 साल बाद मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जो इस सम्मेलन में शामिल होंगे। नरसिम्हा राव 1994 में इस सम्मेलन में शामिल होने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। वाजपेयी और मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के दौरान विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे। इसी तरह से ट्रंप से पहले 2000 में क्लिंटन इस सम्मेलन में शामिल हो चुके हैं। इसके बाद बुश और ओबामा इसमें शामिल नहीं हुए थे।

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