कोरोनावायरस: क्वारंटीन अवधि और निगेटिव टेस्ट आने के बाद नहीं छोड़े गए 3000 जमाती

कोरोनावायरस: क्वारंटीन अवधि और निगेटिव टेस्ट आने के बाद नहीं छोड़े गए 3000 जमाती

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-08 07:22 GMT
कोरोनावायरस: क्वारंटीन अवधि और निगेटिव टेस्ट आने के बाद नहीं छोड़े गए 3000 जमाती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तबलिगी जमात (Tablighi Jamaat) के तीन हजार से अधिक सदस्य अभी भी दिल्ली के विभिन्न क्वारंटीन सेंटर्स में है। जबकि इन सबकी कोरोनावायरस टेस्ट (Coronavirus Test) में निगेटिव आई है और क्वारंटीन (Quarantine) अवधि पूरी हो गई है। ऐसे में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को जमात सदस्यों की रिहाई पर निर्देश और प्रोटोकॉल को लेकर दो बार पत्र लिखे हैं।

पुलिस कार्रवाई के लिए स्वतंत्र
स्वास्थ विभाग ने केंद्र को बताया कि जमाती सदस्यों का न केवल कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है, बल्कि अस्पतालों और क्वांरटीन सेंटर्स में 28 दिन पूरे भी कर लिए हैं। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि तब्लीगी जमात के सदस्यों को तीन मई तक लॉकडाउन के कारण नहीं छोड़ा गया। उन्होंने कहा, "अगर पुलिस को किसी के खिलाफ कार्रवाई करनी है, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है।" वरना जो लोग क्वारंटीन में है और रिपोर्ट निगेटिव आई है, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।  

कई जमातियों पर केस दर्ज
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के एक मार्च के आयोजन के बाद देशभर में कोरोना मामलों के प्रसार के लिए जमातियों को दोषी ठहराया गया है। इस मामले में दिल्ली और कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई है। तब्लीगी जमात के कुछ सदस्य जिन्होंने विभिन्न देशों से भारत की यात्रा की है, उनपर वीजा शर्तों के कथित उल्लंघन के तहत केस दर्ज किया गया है। 

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यूपी जेल में तब्लीगी जमाती की मौत
उत्तरप्रदेश के जौनपुर में तब्लीगी जमात के नसीम अहमद की गुरुवार को मौत हो गई। 65 साल के नसीम दिल के मरीज थे। उनपर बांग्लादेशियों को शरण दिलाने और जानकारी छिपाने का आरोप था। इसी के चलते अप्रैल महीने के शुरुआत में अहमद को हिरासत में लिया गया था। बुधवार सुबह तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  
 

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