एक और फतवा : मुस्लिम महिलाओं का सोशल साइट पर फोटो अपलोड करना नाजायज

एक और फतवा : मुस्लिम महिलाओं का सोशल साइट पर फोटो अपलोड करना नाजायज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-20 04:13 GMT
एक और फतवा : मुस्लिम महिलाओं का सोशल साइट पर फोटो अपलोड करना नाजायज
हाईलाइट
  • इस्लाम धर्म में किसी भी तरह की गैरधार्मिक हरकत पर फतवा जारी करने का कानून है।
  • ये केवल एक सलाह होती है जो उक्त व्यक्ति को भटक जाने पर दी जाती।
  • उत्तरप्रदेश के दारूम उलूम देवबंद में मुस्लिम महिलाओं के फेसबुक
  • वॉट्सऐप
  • ट्विटर जैसे सोशल साइट्स पर फोटो लगाने के खिलाफ फतवा जारी किया है।
  • फतवा कोई आदेश नहीं होता है।
  • फतवा जारी करना धर्म के अधीन है
  • लेकिन इसे मानना और ना मानना व्यक्ति पर निर्भर करता है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस्लाम धर्म में किसी भी तरह की गैरधार्मिक हरकत पर फतवा जारी करने का कानून है। फतवा जारी करने का अधिकार सिर्फ मौलवियों के पास होता है। हाल ही में उत्तरप्रदेश के दारूम उलूम देवबंद में मुस्लिम महिलाओं के फेसबुक, वॉट्सऐप, ट्विटर जैसे सोशल साइट्स पर फोटो लगाने के खिलाफ फतवा जारी किया है। देवबंद के फतवा विभाग के तारिक कासमी ने कहा कि इस्लाम महिलाओं की सोशल साइट्स पर फोटो लगाने की इजाजत नहीं देता है। इसलिए सोशल साइट पर मुस्लिम महिलाओं के फोटो अपलोड नहीं करनी चाहिए।

बात दें कि दारूल उलूम देवबंद के एक शख्स ने ये सवाल किया था कि क्या फेसबुक, व्हाट्सअप एवं सोशल मीडिया पर अपनी (पुरूष) या महिलाओं की फोटो अपलोड करना जायज है। इसके जबाव में फतवा जारी करके ये कहा है कि मुस्लिम महिलाओं एवं पुरूषों को अपनी या परिवार के फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करना जायज नहीं है, क्योंकि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। इस संबंध में मुफ्ती तारिक कासमी का कहना है कि जब इस्लाम में बिना जरूरत के पुरूषों और महिलाओं के फोटो खिंचवाना ही जायज ना हो, तब सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करना कैसे जायज हो सकता है।

दारुल उलूम देवबंद में फतवों के लिए अलग से डिपार्टमेंट ऑनलाइन भी है। इस डिपार्टमेंट में लेटर भेजकर या ऑनलाइन फतवा लिया जा सकता है। लोग इस्लाम से जुड़े सवालों का जवाब भी इस डिपार्टमेंट से मांग सकते हैं।

पहले भी जारी हुए अजीब फतवे

दारूल उलूम देवबंद फतवा जारी कर मुस्लिम महिलाओं के बाल कटवाने और आई ब्रो बनवाने को नाजायज करार दे चुका है। देवबंद की तरफ से मौलाना सादिक काजमी ने फतवा जारी करते हुए इन गतिविधियों को इस्लाम के खिलाफ माना और कहा कि दारुल उलूम को बहुत पहले ही ये फतवा जारी कर देना चाहिए था। बता दें कि कुछ दिनों पहले एक मुस्लिम शख्स ने देवबंद के फतवा जारी करने वाले विभाग से पूछा था कि क्या मुस्लिम महिलाएं हेयर कटिंग और आई ब्रो बनवा सकती हैं।

क्या है फतवा?

फतवा कोई आदेश नहीं होता है। ये केवल एक सलाह होती है जो उक्त व्यक्ति को भटक जाने पर दी जाती। फतवा जारी करना धर्म के अधीन है, लेकिन इसे मानना और ना मानना व्यक्ति पर निर्भर करता है।
 

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