तीन तलाक के बाद अब मुस्लिम महिलाओं ने की बहुविवाह प्रथा को बैन करने की मांग

तीन तलाक के बाद अब मुस्लिम महिलाओं ने की बहुविवाह प्रथा को बैन करने की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-29 17:33 GMT
तीन तलाक के बाद अब मुस्लिम महिलाओं ने की बहुविवाह प्रथा को बैन करने की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन तलाक विरोधी बिल के लोकसभा में पारित होने के बाद देशभर में मुस्लिम महिलाओं के चेहरे पर खुशी देखी गई है। पिछले 24 घंटे के दौरान न्यूज चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक मुस्लिम महिलाएं इस बिल का समर्थन करते हुए देखा गया है। इस बिल पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए मुस्लिम महिलाएं इसके साथ ही इस्लाम धर्म में चली आ रही एक और कुप्रथा को खत्म करने की मांग कर रही है। यह प्रथा है बहुविवाह प्रथा। 

एक बार में तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाली कई मुस्लिम महिलाओं ने अब सरकार से अपील की है कि इस्लाम में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी प्रतिबंधित किया जाए। मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि तीन तलाक विरोधी बिल के साथ ही केन्द्र सरकार ने एक अच्छी शुरुआत की है लेकिन सरकार को इसके साथ ही बहुविवाह प्रथा पर भी बैन लगाने वाला बिल पेश करना चाहिए था।

तीन तलाक के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वकील फराह फैज, रिजवाना और रजिया कहती हैं कि तीन तलाक पर कानून आना मुस्लिम महिलाओं के लिए वाकई एक बड़ी जीत है। इनका कहना है, उम्मीद है कि इस्लाम में प्रचलित बहुविवाह पर भी सरकार जल्द ही प्रतिबंध लगाएगी।

गौरतलब है कि तीन तलाक को अपराध करार देने वाले विधेयक को गुरुवार सुबह कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया था, जिस पर दिन भर चली बहस के बाद वोटिंग हुई और शाम को इसे पास कर दिया गया था। अधिकतर सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया था। एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी, ओवैसी का प्रस्ताव 2 वोटों के मुकाबले 241 मतों के भारी अंतर से खारिज कर दिया गया था, जबकि 4 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। ओवैसी के अलावा बीजेडी के भर्तुहरी माहताब, कांग्रेस की सुष्मिता देव और सीपीआईएम के ए संपथ ने फभी संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। ये सारे संशोधन प्रस्ताव बहुमत से खारिज कर दिए गए थे। लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तीन तलाक बिल के पास होने की घोषणा की।

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