इन्सेफेलाइटिस: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, 10 दिन में जवाब दें केन्द्र-राज्य सरकार

इन्सेफेलाइटिस: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, 10 दिन में जवाब दें केन्द्र-राज्य सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-24 03:50 GMT
इन्सेफेलाइटिस: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, 10 दिन में जवाब दें केन्द्र-राज्य सरकार
हाईलाइट
  • केन्द्र-राज्य सरकार से 10 दिन में मांगा जवाब
  • चमकी बुखार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती
  • चमकी बुखार से अब तक 152 बच्चों की मौत
  • बच्चों की मौत पर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई
  • मुजफ्फरपुर में मरने वाले बच्चों की संख्या पहुंची 128
  • हेल्थ सर्विस
  • न्यूट्रिशन और हाइजिन पर सरकारें दे जवाब- कोर्ट

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। बिहार के चमकी बुखार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर आज (सोमवार) को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केन्द्र और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और बिहार सरकार से 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है। अदालत ने सरकारों से तीन मुद्दे पर हलफनामा दायर करने को कहा है जिसमें हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन का मामला है। अदालत की तरफ से कहा गया है कि ये मूल अधिकार हैं, जिन्हें मिलना ही चाहिए। 

बता दें कि बिहार में अबतक 152 बच्चों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। बुखार से जुड़े मुजफ्फरपुर मामले में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। दायर याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट तरफ से बिहार सरकार को मेडिकल सुविधा बढ़ाने के आदेश दिए जाएं। साथ ही केंद्र सरकार को इस बारे में एक्शन लेने को कहा जाए। 

याचिकाकर्ता मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है। बता दें कि बीते बुधवार को अदालत ने इस मामले पर सुनवाई को लेकर हामी भरी थी। मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है। 

बता दें कि बिहार में तेजी से बड़ रहे चमकी बुखार के मसले पर केन्द्र सरकार के साथ-साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। मीडिया की ओर से जब भी उनसे सवाल दागा गया तो उन्होंने चुप्पी ही साधी उल्टा कुछ मौकों पर वह मीडिया पर ही बरसते हुए दिखे। गौरतलब है कि बिहार में बीते एक महीने से इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर में दिखा है। जहां अकेले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है। 

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