मुश्किलों में फिर घिरे नारकोटिक्स अधिकारी समीर वानखेड़े, खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

महाराष्ट्र मुश्किलों में फिर घिरे नारकोटिक्स अधिकारी समीर वानखेड़े, खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

ANAND VANI
Update: 2022-05-06 10:26 GMT
मुश्किलों में फिर घिरे नारकोटिक्स अधिकारी समीर वानखेड़े, खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
हाईलाइट
  • विवादों में घिरे बानखेडे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी जाति प्रमाण के आरोप में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर बनाखेडे मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे है, जिसे लेकर अधिकारी ने अब बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आपको बता दें 29 अप्रैल 2022 को मुंबई जिला जाति प्रमाण पत्र जांच समिति ने बानखेडे को एक कारण बताओं नोटिस भेजा है जिसमें उनसे पूछा गया है कि क्यों न उनका जाति प्रमाण पत्र जब्त कर लिया जाए। जांच समिति का कहना है कि शिकायतों और दस्तावेजों के अवलोकन से साबित होता है कि आप मुस्लिम धर्म से तालुल्क रखते है। इसलिए आपका जाति प्रमाण पत्र  क्यों न रद्द किया जाए। इसके खिलाफ  अधिकारी बानखेडे ने  चार मई को हाईकोर्ट में  कारण बताओ नोटिस को चुनौती देते हुए दावा किया है कि जांच कमेटी कथित तौर पर इस बात पर विचार करने पर असफल रही है कि उसके समक्ष कार्यवाही जिज्ञासु प्रकृति की थी और प्रतिकूल नहीं थी। 

यह नोटिस अवैध और मनमानीपूर्वक जारी किया गया है, और नोटिस को बिना मुझे मौका दिए जारी किया गया। जिसे मुझे सिर्फ पेरशान करने के लिए जारी किया है। बानखेडे ने अपने आप को महार कम्युनिटी से होना बताया है, जो अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। अधिकारी का कहना है कि प्रमाण पत्र बनबाने के समय मैंने कोई असत्य जानकारी नहीं दी और ना ही कोई जानकारी छिपाई गई थी। आपको बता दें इससे पहले एनसीबी क्षेत्रीय निदेशक राज्य सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आरोपों से सुर्खियों में रहे है।  समिति ने नोटिस मंत्री  और कुछ अन्य लोगों की शिकायत पर जारी किया है।  

 

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