अगला युद्ध स्वदेशी हथियारों से ही लड़ा जाए : आर्मी चीफ

अगला युद्ध स्वदेशी हथियारों से ही लड़ा जाए : आर्मी चीफ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-08 14:08 GMT
अगला युद्ध स्वदेशी हथियारों से ही लड़ा जाए : आर्मी चीफ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए स्वदेशी हथियारों के निर्माण में तेजी लाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत को आधुनिक हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम करने की जरूरत है। आर्मी चीफ ने कहा, "हमें स्वेदेशी हथियारों के निर्माण पर जोर देना चाहिए। विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम करने के लिए यह जरूरी भी है कि हम अपने देश में ही आधुनिक हथियारों का निर्माण करें।

आर्मी चीफ बिपिन रावत ने इस दौरान सेना में हथियारों के आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "भारतीय सेना में आधुनिकता बेहद जरूरी है। लेकिन, ये भी जरूरी है कि जंग में उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जो देश में बने हो।" आर्मी चीफ ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि हम अगली लड़ाई अपने देश में बने हथियारों के दम पर लड़ें।

गौरतलब है कि भारत हमेशा से आधुनिक हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भर रहा है। भारत मिसाइलें और परमाणु हथियार तो देश में बनाता है लेकिन लड़ाकू विमान, टैंक, मशीनगन और अन्य सैन्य उपकरण उसे विदेशों से आयात करने पड़ते हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में रॉफेल लड़ाकू विमान के लिए फ्रांस से डील की थी। हालांकि मोदी सरकार आने के बाद से हथियारों के देश में ही निर्माण को लेकर कई कदम उठाए गए हैं। कई कंपनियों से इस बात के समझौते भी किए गए हैं कि वह अपने उत्पादों का निर्माण भारत में ही करेंगी। सरकार ने हथियारों को देश में ही विकसित करने को काम को अपनी महत्वाकांक्षी योजना "मेक इन इंडिया" से भी जोड़ा है।

देशी हथियारों के निर्माण पर जोर के साथ ही सेमिनार में बिपिन रावत ने कश्मीरी युवकों से जुड़ें एक सवाल का भी जवाब दिया। कश्मीरी युवकों के आतंकी संगठनों में शामिले होने के सवाल पर वे बोले कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, "यह चिंता वाली बात नहीं है। आतंकवादी पहले भी हथियारों के साथ फोटो सोशल मीडिया में डालकर प्रोपेगेंडा करते रहे हैं और युवाओं को बरगलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन सेना इस पर  पूरी तरह सचेत है।"

अरुणाचल प्रदेश में उठे ताजा सीमा विवाद पर रावत ने कहा कि ये मुद्दा अब सुलझ गया है। दो दिन पहले ही दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि डोकलाम इलाके में भी चीन के सैनिकों की तादाद में भारी कमी हुई है।

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