आर्थिक पैकेज की 5वीं किस्त: वित्त मंत्री का ऐलान, 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया मनरेगा का बजट, हर क्लास के लिए एक चैनल

आर्थिक पैकेज की 5वीं किस्त: वित्त मंत्री का ऐलान, 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया मनरेगा का बजट, हर क्लास के लिए एक चैनल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-17 03:58 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के संकट से उबरने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ के पैकेज का पांचवां और आखिरी ब्रेकअप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रविवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कारोबार, कंपनीज एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और पीएसयू से जुड़े ऐलान किए गए। 

हालांकि यह राहत पैकेज 20 लाख करोड़ रुपए का नहीं, बल्कि 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपए का है। इनमें से 11 लाख 2 हजार 650 करोड़ रुपए की घोषणाएं 5 दिनों में हुईं। सरकार ने इस राहत पैकेज में प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन से पहले बताई गईं 1 लाख 92 हजार 800 करोड़ रुपए की घोषणा और 22 मार्च से टैक्स में दी गई छूट की वजह से हुए रेवेन्यू के 7800 करोड़ रुपए के नुकसान को भी इसमें शामिल किया है। आरबीआई की घोषनाओं के 8 लाख करोड़ रुपए भी इसी पैकेज का हिस्सा हैं।

सरकार के राहत पैकेज का ब्रेकअप:

प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले (22 मार्च से 12 मई तक)  1 लाख 92 हजार 800 करोड़ रुपए
वित्त मंत्री की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस 5 लाख 94 हजार 550 करोड़ रुपए
दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 3 लाख 10 हजार करोड़ रुपए
तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए
चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस 8100 करोड़ रुपए
पांचवीं प्रेस कॉन्फ्रेंस 40 हजार करोड़ रुपए
आरबीआई के कदम 8 लाख 1 हजार 603 करोड़ रुपए
कुल 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपए

वित्त मंत्री ने क्या-क्या ऐलान किए?

मनरेगा
प्रवासी मजदूरों को घर वापस जाने पर काम की कमी न हो इसके लिए मनरेगा बजट को 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री पहले मनरेगा का बजट 61 हजार करोड़ रुपये था, अब इसमें 40 हजार करोड़ का इजाफा किया गया है। 

स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकारी व्यय को बढ़ाया जाएगा। जमीनी स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश किया जाएगा। सभी जिला स्तर के अस्पताल में संक्रामक रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। लैब नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा। पब्लिक हेल्थ लैब्स न सिर्फ जिला स्तर पर, बल्कि ब्लॉक स्तर पर भी बनाई जाएंगी। रिसर्च को बढ़ावा देने के कदम उठाए जाएंगे। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन इसका पूरा ब्लूप्रिंट तैयार करेगी। 

शिक्षा
टेक्नोलॉजी ड्रिवन शिक्षा कैसे हो इसके लिए कदम उठाए जा रह हैं। पीएम ई-विद्या प्रोग्राम जल्द इसकी शुरुआत की जाऐगी। ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई-कॉन्टेंट, QR कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाएगा। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का नाम "वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म" है। सरकार पहले क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के लिए एक एक चैनल लॉन्च करेगी। यानी कि हर क्लास के लिए एक चैनल होगा। बच्चों को मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ्य रखने के लिए मनोदर्पण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। दिव्यांगों के लिए विशेष ई कंटेट लाया जाएगा। टॉप-100 यूनिवर्सिटी को 30 मई तक ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की इजाजत दी गई है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
एमएसएमई के क्षमता बढ़ाने के कदम उठाए थे अब दिवालिया की कार्रवाई उन पर न हो इसके लिए न्यूनतम सीमा को बढ़ाकर एक लाख से एक करोड़ कर दिया गया है। वहीं स्पेशल इन्सॉलवेंसी रजॉल्यूशन फ्रेमवर्क को जल्द ही कोड के सेक्शन 240A के अंतर्गर्त नोटिफाई किया जाएगा। इतना ही नहीं अगले एक साल तक किसी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। एमएसएमई को इसका ज्यादा फायदा होगा।

एक्ट के तहत छोटी-छोटी गलतियों को आपराधिक श्रेणी में नहीं माना जाएगा। ऐसे 7 अपराधों को एक्ट से बाहर किया जाएगा। एक और बड़ा बदलाव किया गया है। पहले केवल 18 सेक्शन को इंटरनल एडज्यूडिकेशन मेकेनिज्म (IAM) के अंतर्गर्त लिया जाता था अब उसे बढ़ाकर 58 कर दिया गया है। अब इन सब को कंपाउंडेबल ऑफेंसेज के रूप में नहीं देखा जाएगा। इसे इंटरनल एडज्यूडिकेशन मेकेनिज्म में लिया जाएगा। ऐसा करने से NCLT में अब कम केस जाएंगे। 7 कंपाउंडेबल ऑफेंस को पूरी तरह से ड्रॉप कर दिया गया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस फॉर कॉर्पोरेट्स
निजी कंपनियों को जो नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर को स्टॉक एक्सचेंज पर रखती हैं, उन्हें लिस्टेड कंपनी नहीं माना जाएगा। भारतीय कंपनियां विदेशी बाजार में सीधे लिस्टिंग करवा सकेंगी।

पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी
पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को लेकर नई पॉलिसी बनाई जाएगी। स्ट्रैटजिक सेक्टर की भी लिस्ट बनाई जाएगी। इनके बाहर जो कंपनियां रह जाएंगी, उनका सही समय पर निजीकरण करेंगे। इस योजना में विलय का प्रस्ताव भी शामिल है। स्ट्रैटजिक सेक्टर में कम से कम एक पब्लिक एंटरप्राइजेज बना रहे, इसका ध्यान रखेंगे। सरकार प्राइवेट कंपनियों को भी इसमें प्रवेश की अनुमति देगी।

राज्य सरकार की मदद
राज्यों की कर्ज लेने की सीमा को बढ़ा दिया गया है। कर्ज लेने की सीमा राज्य की जीडीपी का 3% होता है, अब राज्यों की मांग पर इसे 5% कर दिया गया है। राज्यों ने अभी तक उनके हक का सिर्फ 14% पैसा लिया है। स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड एडवांस में 11092 करोड़ रिलीज किया गया।

Updates:
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि गरीबों को खाना मुहैया करा रहे हैं। इसके अलावा कैंप में रह रहे लोगों तक भी मदद पहुंच रही है। गरीबों तक फौरन आर्थिक मदद पहुंचा रहे हैं।

-पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर डायरेक्ट ​बेनिफिट ट्रांसफर कैश का किया गया। इसके तहत 8.19 करोड किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये दिए गए हैं।

-देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट ​बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए। उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया। 16,394 करोड़ सीधे खाते में ट्रांसफर किये गए। 6.81 करोड़ उज्जवला सिलेंडर बांटे गए।

-चुनौतियों के बावजूद एफसीआई, नैफेड और राज्य सरकारों ने प्रवासी मजदूरों को खाने की व्यवस्था की। जो प्रवासी घर नहीं जा सकते थे उनके लिए व्यवस्थाएं कीं।

-8.19 करोड़ किसानों के खाते में 2000 रुपए की किश्त पहुंचाई। 20 करोड़ जनधन खातों में 10 हजार 25 करोड़ रुपए पहुंचाए।

-2.20 करोड़ बिल्डिंग-कंस्ट्रक्शन वर्करों के खाते में सीधे रकम पहुंचाई। 12 लाख से ज्यादा ईपीएफओ खाताधारकों को फायदा पहुंचाया।

-हमने खाद्यान, रसोई गैस के जरिए लोगों को तुरंत मदद पहुंचाई। जब लॉकडाउन बढ़ाया गया तो फ्री दाल और चावल अगले दो महीने के लिए बढ़ाया गया।

-ट्रेन में यात्रा के दौरान भी लोगों को खाना दिया। हमने लोगों की जिंदगी को प्राथमिकता दी। कोविड-19 के बाद की जिंदगी को ध्यान में रखकर भी पूरी मदद देना जरूरी है।

-वित्त मंत्री ने कहा, लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए 15000 करोड़ की घोषणा की।  4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है। आवश्यक वस्तुओं पर 3750 करोड़ रुपए खर्च किया गया है।

-टेस्टिंग लैब और किट के लिए 550 करोड़ रुपए और कोविड-19 वर्कर्स के लिए 50 लाख रुपए के बीमा की व्यवस्था पीएम मोदी ने की। आईटी का उपयोग करते हुए ई-संजीवनी टेली कंसलटेशन सर्विसेज की शुरुआत की। कैपिसिटी बिल्डिंग की।

-आरोग्य सेतू ऐप को करोड़ों भारतीयों ने डाउनलोड किया। यूपीआई भीम की तरह सफल प्रयोग देश में रहा। लोगों को इससे लाभ मिल रहा है। हेल्थ वर्कर्स पर हमला होता था उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए एपिडेमिक एक्ट में बदलाव किया। पीपीई किट की व्यवस्था की।

-भारत में एक भी पीपीई किट बनाने की कंपनी नहीं थी आज 300 से ज्यादा यूनिट है। करीब 11 करोड़ HCQ टैबलेट का उत्पादन किया गया।

-वित्त मंत्री ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे हो इसके लिए एचआरडी मंत्रालय स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल की संख्या को बढ़ा रहा है। स्कूल एजुकेशन के लिए पहले तीन चैनल थे अब 12 और चैनल जोड़े जा रहे हैं।

-लाइव इंटरेक्टिव सेशन का टेलिकास्ट हो सके, इसकी व्यवस्था की जा रही है। प्राइवेट डीटीएच ऑपरेटन तक पहुंचे हैं। राज्यों से भी अनुरोध किया गया है कि वह एजुकेशन का 4 घंटों का कंटेट दें जिसे स्वयं प्रभा चैनल पर दिखाया जा सकें। दीक्षा प्लेटफॉर्म पर 24 मार्च से अब तक 61 करोड़ हिट आए हैं। ई-पाठशाल पर 200 नई टेक्सट बुक जोड़ी गई है।

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