अब तक कोई अंदाजा नहीं है कि मैं आगे क्या करूंगा : शाह फैसल

अब तक कोई अंदाजा नहीं है कि मैं आगे क्या करूंगा : शाह फैसल

IANS News
Update: 2020-08-11 15:31 GMT
अब तक कोई अंदाजा नहीं है कि मैं आगे क्या करूंगा : शाह फैसल

श्रीनगर, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में टॉप करके अधिकारी के तौर पर सेवा देने वाले और बाद में राजनेता बनें शाह फैसल ने कहा है कि उन्होंने राजनीति इसलिए छोड़ दी है, क्योंकि वह लोगों को झूठे सपने नहीं दिखा सकते।

फैसल को पिछले साल अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया था।

फैसल ने कहा कि कश्मीर में चीजें बदल गई हैं और उन्हें फिर से बदलने की उनके पास कोई शक्ति नहीं है।

उन्होंने कहा, मैं लगभग एक साल तक हिरासत में था। मैंने आगे के सफर के बारे में सोचा और मुझे एहसास हुआ कि अंत में अकेले रह जाने का कोई मतलब नहीं है।

फैसल ने कहा, कश्मीर में चीजें हमेशा के लिए बदल गई हैं और जब मेरे पास उन्हें बदलने की शक्ति ही नहीं है, तो मुझे आगे क्यों जाना चाहिए और लोगों को झूठे सपने क्यों दिखाने चाहिए?

2019 में अपनी पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) शुरू करने से पहले फैसल ने सिविल सेवा से अपना इस्तीफा दिया था, जिसे कथित तौर पर अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।

सिविल सेवाओं में उनकी वापसी की अटकलों के बारे में फैसल ने कहा कि भविष्य में उनके लिए क्या है, इस बात का उन्हें नहीं पता। उन्होंने कहा कि वह भारत के संविधान के दायरे में खुद को सीमित करना चाहते हैं और लोगों को झूठे सपने नहीं दिखा सकते हैं।

उन्होंने कहा, जब से मैंने आईएएस ज्वाइन किया है, तब से बहुत से लोग मुझे एक भारतीय पिट्ठ कह रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। मुझे कोई पछतावा नहीं है।

उन्होंने कहा कि 1949 की राष्ट्रीय सर्वसम्मति अनुच्छेद 370 को बनाए रखने के लिए थी और 2019 की राष्ट्रीय सर्वसम्मति इसे समाप्त करने के लिए है। उन्होंने कहा, मैं एक नया भ्रम को पैदा करने वाला कौन हूं, जो लोगों को बताए कि चीजों को वापस बदल दूंगा, जबकि मैं जानता हूं कि मेरे पास ऐसा करने की शक्ति नहीं है।

उन्होंने कहा कि जनसहयोग में उन्हें दिए गए 4.5 लाख रुपये से उन्होंने कई कैंसर रोगियों और पेलेट पीड़ितों की मदद की। फैसल ने कहा, मैंने खुद पर एक पैसा खर्च नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि यह सीखने का एक शानदार अनुभव था और सभी को आगे बढ़ने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

एकेके/आरएचए

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