कोटा में शिशुओं की मौत: पायलट बोले- एक साल तक सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को दोष देने का कोई मतलब नहीं

कोटा में शिशुओं की मौत: पायलट बोले- एक साल तक सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को दोष देने का कोई मतलब नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-04 11:51 GMT
कोटा में शिशुओं की मौत: पायलट बोले- एक साल तक सत्ता में रहने के बाद बीजेपी को दोष देने का कोई मतलब नहीं
हाईलाइट
  • वसुंधरा को जनता ने हरा दिया
  • अब जिम्मेदारी हमारी है - पायलट
  • कोटा में बच्चो की मौत पर डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को घेरा
  • पायलट ने कहा- पिछली सरकार को दोष देने से काम नहीं चलेगा

डिजिटल डेस्क, कोटा। राजस्थान के कोटा में जेके लोन सरकारी अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत को लकेर डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को घेरा है। पायलट शनिवार को अस्पताल का दौरा करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि पिछली सरकार को दोष देने से काम नहीं चलेगा। वसुंधरा को जनता ने हरा दिया, अब जिम्मेदारी हमारी है।

पिछली सरकार को दोष देना ठीक नहीं
पायलट ने कहा कि "मुझे लगता है कि अस्पताल में बच्चों की मौत पर हमारी प्रतिक्रिया अधिक संवेदनशील हो सकती थी। 13 महीने से हम सरकार में हैं। पिछली सरकार को दोष देना ठीक नहीं है। जवाबदेही तय होनी चाहिए। पहले क्या हुआ इस पर चर्चा ठीक नहीं है। वसुंधरा को जनता ने हरा दिया, अब जिम्मेदारी हमारी है।"

स्वास्थ्य मंत्री ने बीजेपी को ठहराया था जिम्मेदार
इससे पहले शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने अस्पताल का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि प्रशासनिक लापरवाही के मामले सामने आए हैं, जिनके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अस्पताल के इंफ्रास्ट्रकचर को डेवलप नहीं करने के लिए पिछली भाजपा सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया था।

शर्मा ने कहा था, "वे पाँच साल तक सत्ता में रहे। 60 बेडों की वित्तीय स्वीकृति, जो पिछली कांग्रेस सरकार ने 2012 में दी थी, वह कहां गई? अगर 60 बेड होते तो आज बेड की संख्या 102 होती और दो बच्चों को एक बेड पर रखने की जरूरत नहीं होती।"

107 पर पहुंचा मौत का आंकड़ा
बता दें कि जे के लोन सरकारी अस्पताल में शिशुओं की मौत का आंकड़ा शनिवार को 107 पर पहुंच गया। जनवरी 2019 से हर महीने कम से कम 60 बच्चों की मौत हुई है। कुछ महीनों में संख्या 100 भी पहुंची। अगस्त (87), सितंबर (90), अक्टूबर (91), नवंबर (101) और दिसंबर (100) के करीब शिशुओं की मौत हुई है। 

 

 

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