एक करोड़ के चलन से बाहर हुए नोट जब्त, युवतियों के जरिए नोट बदलने की कोशिश में धराए

एक करोड़ के चलन से बाहर हुए नोट जब्त, युवतियों के जरिए नोट बदलने की कोशिश में धराए

Anita Peddulwar
Update: 2020-07-02 04:35 GMT
एक करोड़ के चलन से बाहर हुए नोट जब्त, युवतियों के जरिए नोट बदलने की कोशिश में धराए
हाईलाइट
  • आरोपियों के पास हजार के 9610
  • पांच सौ के 565 नोट मिले

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। एक करोड़ के चलन से बाहर कर दिए गए एक हजार व पांच सौ के नोट सहित आरोपियों को पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा। नोट बदलवाने के लिए जालना रोड स्थित होटल में ठहरे आरोपी प्रियंका सुभाष छाजेड़ (30, कामगार कालोनी, चिकलथाना), नम्रता योगेश उघड़े (40, देवानगरी, जाबिंदा इस्टेट), मुश्ताक जमशीद पठान (53, टाइम्स कालोनी, कटकटगेट) और हशीम खान बशीर खान (44, लक्ष्मण चावडी, मोंढा रोड) काे अपराध शाखा पुलिस ने बैंकर्स बनकर रंगेहाथ पकड़ लिया। चारों की तलाशी लेने पर उनके पास से 98 लाख, 92 हजार, 500 रु  के एक हजार के 9610 व 500 के 565 नोट और 37 हजार रुपए चार मोबाइल जब्त किए गए।

उल्लेखनीय है कि 2016 में केंद्र सरकार द्वारा चलन से बाहर कर दिए गए एक हजार व पांच सौ रु के नोट बदलवाने के लिए चार लोगों के जालना रोड स्थित सिंधी कालोनी के होटल ग्लोबल इन में ठहरने की जानकारी अपराध शाखा पुलिस को मिली थी। उन्हें घेरने के लिए अपराध शाखा के दो कर्मचारी बैंकर्स बनकर उनसे मिले और विश्वास दिलाया कि वे चलन से बाहर किए गए नोटों को भी बदलवा सकते हैं। उनका विश्वास हासिल करने के बाद चारों आरोपियों ने मांग की कि एक करोड़ रुपए के पुराने नोटों के लिए असली 15 लाख रु देने होंगे। सौदा पक्का होने के बाद पुलिस ने उनके पास नोट देखे। इसके बाद  प्रभारी एसीपी अनिल गायकवाड़ के मार्गदर्शन में एपीआई मनोज शिंदे, एएसआई नितिन मोरे, पुलिस नाईक भगवान शिलोटे, विलास वाघ, प्रभाकर म्हस्के, विशाल पाटील, आनंद वाहूल, नितिन देशमुख, विरेश बने, संदीप सानप, प्रभाकर राऊत, अश्वलिंग होनराव, परवेज पठान, गजानन डुकरे, संजीवनी शिंदे, आशा कुटे व ज्ञानेश्वर पवार के दस्ते ने छापा मारकर चारों को होटल में पकड़ लिया। तलाशी लेने पर उनके पास से 98 लाख, 92 हजार, 500 रु के पुराने नोट जब्त किए गए। इसके अलावा उनसे 37 हजार के चार मोबाइल भी जब्त किए गए।

उघडे, पठान का षड्यंत्र
पठान ने नोट बदलवाने के काम में किसी को शक नहीं हो, इसके लिए नम्रता उघड़े और प्रियंका छाजेड़ को साथ रखा था। दोनों की सहायता से नोट बदलवाने के लिए पठान प्रयास कर ही रहा था कि पुलिस को जानकारी मिल गई और चारों रंगेहाथ पकड़े गए। पठान पुराने वाहन बेचने का व्यवसाय करता है जबकि नम्रता प्लॉटिंग व्यवसाय करती है। नोटों संबंधी पूछताछ करने पर पठान ने दावा किया कि नोट उसी के हैं। लेकिन, नोट कहां से लाए गए थे, इसकी जानकारी पुलिस हासिल कर रही है।  

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