अब नहीं चलेगा देर से आने का बहाना, 8 नवंबर से ‘बायोमेट्रिक’ से हाजिरी है लगाना

नई दिल्ली अब नहीं चलेगा देर से आने का बहाना, 8 नवंबर से ‘बायोमेट्रिक’ से हाजिरी है लगाना

Bhaskar Hindi Desk
Update: 2021-11-01 14:37 GMT
अब नहीं चलेगा देर से आने का बहाना, 8 नवंबर से ‘बायोमेट्रिक’ से हाजिरी है लगाना
हाईलाइट
  • बायोमेट्रिक मशीनों से जल्द हाजिरी शुरू होगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के चलते बंद पड़ी ‘बायोमेट्रिक’ मशीनों से एक बार फिर हाजिरी लगाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई हैं। केंद्र ने 8 नवंबर से सभी कर्मचारियों के लिए ‘बायोमेट्रिक’ उपस्थित अनिवार्य कर दी है। कार्मिक मंत्रालय ने आज इस बावत् एक आदेश जारी किया है और सभी विभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बायोमेट्रिक मशीन के पास सैनेटाइजर अनिवार्य रूप से रखा जाए और सभी कर्मचारी हाजिरी लगाने से पहले और उसके बाद अपने हाथों को सैनेटाइज अनिवार्य रूप से करें। इन सबकी जिम्मेदारी भी विभागों की होगी। बता दें कि इससे पहले कोरोना के चलते कर्मचारियों को बायोमेट्रिक से हाजिरी लगाने से छूट प्रदान की गई थी। कार्मिक मंत्रालय ने केंद्र के सभी मंत्रालयों और विभागों को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप कम से कम छह फुट की शारीरिक दूरी रखनी होगी। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर या भीड़भाड़ से बचने के लिए अतिरिक्त बायोमेट्रिक हाजिरी मशीन लगाई जा सकती हैं। 

मास्क पहनना होगा अनिवार्य

आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा। इसके अलावा आदेश में यह भी कहा गया है कि ‘जहां तक संभव हो, बैठकें वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कराई जाएं और जब आवश्यक न हो, आगंतुकों के साथ बैठकें करने से बचना चाहिए। कार्मिक मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय में हर समय कोरोना से जुड़े दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। 

कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए रोक लगाई थी

मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति पर तत्काल रोक लगा दी गई थी। इसके बाद से ही सरकारी कर्मचारी रजिस्टर पर साईन कर हाजिरी लगा रहे थे।  ज्ञात हो कि वर्श 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार की सरकार आने के बाद से ही सभी मंत्रालयों और सरकारी विभागों में बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति लगाने की व्यवस्था की शुरूआत की गई थी। प्रधानमंत्री के इस कदम को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया था।
 

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