'सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस' आज है सेना के प्रति समर्पण और सम्मान का दिन

'सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस' आज है सेना के प्रति समर्पण और सम्मान का दिन

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-07 05:36 GMT
'सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस' आज है सेना के प्रति समर्पण और सम्मान का दिन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 7 दिसंबर, भारत की रक्षा में तत्पर वीर जवानों के लिए अहम दिन है। ये दिन पूरे देश में आर्म्‍ड फोर्सेज फ्लैग डे या सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस के नाम से जाना जाता है। इस दिन को पहले झंडा दिवस के तौर पर मनाया जाता था लेकिन 1993 में इसे सशस्‍त्र सेना झंडा दिवस का नाम दिया गया। सशस्त्र सेना झंडा दिवस या झंडा दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण और भारत की जनता से शहीदों के परिवार के हित के लिए फंड इकट्ठा करने के प्रति समर्पित एक दिन है। 1949 से 7 दिसम्बर को भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इसका उद्देश्य देशवासियों द्वारा सेना के प्रति सम्मान प्रकट करना है। इस दिन के जरिए उन जवानों, एयरमेन, और नाविकों को याद किया जाता है जिन्‍होंने देश की रक्षा में अपने प्राण त्‍याग दिए। 

क्या है इस दिन की अहमियत ?

15 अगस्त 1947 को मिली आजादी के बाद तत्कालीन सरकार को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा। सरकार के खजाने में आई कमी के चलते सैनिकों के रख-रखाव के लिए जरूरी पैसे की कमी आई जिसके चलते 28 अगस्‍त 1949 को रक्षा मंत्री के नेतृत्‍व में एक कमेटी बनाई गई। इस कमेटी में हुई बैठकों में निर्णय लिया गया कि हर वर्ष 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया गया। जिसके जरिए लोगों से उनकी मनमर्जी के अनुसार डोनेशन के जरिए फंड इक्ट्ठा किया जाता है। इस फंड का इस्तेमाल सेना के उन जवानों के परिवार कि मदद कि लिए किया जाता था जो शहीद हैं या फिर जिन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत है। देश में केंद्रीय सैनिक बोर्ड के तहत इस फंड को इकट्ठा किया जाता है और इसकी देखरेख होती है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड भी रक्षा मंत्रालय का ही एक हिस्‍सा है।

"सेना की प्रशंसा का दिन" - पंडित जवाहर लाल नेहरू

तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1954 में फ्लैग डे को लेकर एक अहम बात कही थी, उनका कहना था कि "कुछ हफ्तों पहले मैंने भारत और चीन के बॉर्डर का दौरा किया। मैं सेना के अधिकारियों और जवानों से रू-ब-रू हुआ जो वहां इंटरनेशनल मिशन से जुड़े थे। उन्‍हें देखकर मुझे गजब का रोमांच पैदा हुआ, जब मैंने देखा कि वह कैसे अपने अच्‍छे काम को एक ऐसी जगह पर अंजाम दे रहे हैं जो घर से काफी दूर और सूनसान है। साथ ही उन्होंने कहा "मुझे यह देखकर काफी अच्‍छा लगा कि सैनिक आम जनता के बीच भी काफी लोकप्रिय थे। मुझे उम्‍मीद है कि देशवासी उनसे कुछ सीखेंगे और उनकी प्रशंसा करेंगे। फ्लैग डे फंड के दिन सेना के लिए लोगों का योगदान देना भी उनकी इसी प्रशंसा का एक हिस्‍सा है।"

2017 में सेना को समर्पित एक सप्ताह

सशस्त्र सेना झंडा दिवस के दिन लोगों से अपील की जाती है कि वो सेना से शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में राशि दान कर योगदान दें। इस दिन गहरे लाल व नीले रंग के झंडे के स्टीकर को लोग खरीदते हैं जो इस दिन आपके योगदान की निशानी होती है, इससे ही वो शहीद हुए या हताहत हुए सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं।

 



 

पीएम मोदी ने की अनुदान करने की अपील

यूं तो हर साल केवल 7 दिसंबर को झंडा दिवस के तौर पर मनाया जाता है लेकिन इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई पहल करते हुए इसे एक हफ्ते तक मनाया, यानि 1 दिसंबर से लेकर 7 दिसंबर तक ये दिन सेलेब्रेट किया गया और अनुदान के रूप में  धनराशि एकत्रित की गई। इस दिन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात में ये बात में लोगों को अनुदान देने और सेना के प्रति सम्मान की अपील की थी वहीं निर्मला सीतारमण ने भी लोगों को इस दिन की अहमियत के साथ ही लोगों को अनुदान के लिए कहा था। 

 

 

 

इनके साथ राजनाथ सिंह ने भी आर्म्ड फोर्स डे पर ट्वीट किया और नागरिकों को अनुदान की अपील की। 

 

 

आप इस फोटो में दिए डिटेल पर अपना अनुदान दे सकते हैं। इसमें आप अनुदान के लिए ऑनलाइन बैंकिग के साथ साथ अनुदान राशि को पेटीएम के जरिए भी दे सकते हैं। 


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