'वन नाइट स्टैंड' शादी नहीं : बांबे हाईकोर्ट

'वन नाइट स्टैंड' शादी नहीं : बांबे हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-11 05:15 GMT
'वन नाइट स्टैंड' शादी नहीं : बांबे हाईकोर्ट

टीम डिजिटल, मुंबई. बांबे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि किसी पुरुष और महिला के बीच शारीरिक संबंध या वन नाइट स्टैंड हिन्दु कानूनों के तहत विवाह की परिभाषा में नहीं आता. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर उन दोनों ने शादी नहीं की है, तो ऐसे संबंधों से जन्मी संतान को पिता की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होगा.

बांबे हाईकोर्ट की जस्टिस मृदुला भटकर ने कहा, 'किसी संबंध को विवाह की मान्यता के लिए पारंपरिक या कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जानी जरूरी हैं... किसी की इच्छा, इत्तेफाक या फिर अचानक  बने शारीरिक संबंध को शादी नहीं बताया जा सकता.' जज ने कहा कि लिव इन रिलेशन और उससे जन्मे बच्चे कानूनी जानकारों के लिए एक पेचीदा मुद्दा और चुनौती बन गए हैं.

हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत बच्चे के अधिकारों पर फैसले के लिए विवाह साबित करना अनिवार्य है. भले ही उसे निरस्त क्यों ना करार गया हो. दरअसल कोर्ट यह आदेश एक मामले की सुनवाई के दौरान दिया. मामला एक ऐसे व्यक्ति का था, जिसकी दो पत्नियां थी. व्यक्ति की दूसरी शादी का सबूत मौजूद था. ऐसे में कोर्ट ने दूसरे विवाह को निरस्त तो कर दिया, लेकिन साथ ही कहा कि दूसरी पत्नी से जन्मी बच्ची को पिता की संपत्ति पर अधिकार होगा. 

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