गुना में दलित किसान परिवार की पिटाई मामले की जांच के आदेश

गुना में दलित किसान परिवार की पिटाई मामले की जांच के आदेश

IANS News
Update: 2020-07-15 19:30 GMT
गुना में दलित किसान परिवार की पिटाई मामले की जांच के आदेश
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  • गुना में दलित किसान परिवार की पिटाई मामले की जांच के आदेश

गुना/भोपाल, 16 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के गुना जिले में एक दलित परिवार के सदस्यों की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तंज कसा है, वहीं सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।

गुना जिले में एक दलित किसान परिवार के साथ हुई मारपीट के सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। कांग्रेस हमलावर है और सरकार ने सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बुधवार को एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगलराज है? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज।

उन्होंने आगे कहा, यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे कानूनन हल किया जा सकता है, लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की व मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है?

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूखदारों द्वारा कब्जा की गई हजारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिए भी शिवराज सरकार तत्परता दिखाएगी? ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो, अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।

राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, गुना के कैंट थाना क्षेत्र की घटना का वीडियो देखकर व्यथित हूं। इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जाना चाहिए। मैंने तत्काल अधिकारियों को उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। भोपाल से जांच दल मौके पर जाकर पूरी घटना की जांच करेगा। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई करेंगे।

गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन ने बताया कि जगनपुर में कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन पर स्थानीय भू-माफिया गब्बू पारदी द्वारा अवैध कब्जा किया गया था। कब्जे की जमीन को गब्बू पारदी ने बटाई पर राजकुमार अहिरवार को दे रखा था। कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान लोगों के उकसावे में आकर राजकुमार और उसकी पत्नी द्वारा पेस्टिसाइड का सेवन किया गया। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत पहले से बेहतर है।

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