रेलवे ने पांच दिनों में करीब 70 हजार यात्रियों की कराई घर वापसी, 50 करोड़ रुपये से अधिक हुआ खर्च : रेल अधिकारी

रेलवे ने पांच दिनों में करीब 70 हजार यात्रियों की कराई घर वापसी, 50 करोड़ रुपये से अधिक हुआ खर्च : रेल अधिकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-06 06:21 GMT
रेलवे ने पांच दिनों में करीब 70 हजार यात्रियों की कराई घर वापसी, 50 करोड़ रुपये से अधिक हुआ खर्च : रेल अधिकारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में एक मई से "श्रमिक विशेष" रेलगाड़ियों के माध्यम से करीब 70 हजार फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया गया है और इस पर 50 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया है। यह जानकारी मंगलवार को रेलवे अधिकारियों ने दी। श्रमिकों की यात्रा का मुद्दा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मामला बन गया है जिसमें कांग्रेस और बसपा के नेताओं ने रेलवे पर इन प्रवासी श्रमिकों से टिकट के पैसे लेने के आरोप लगाए हैं। इस बीच गोवा सहित कई राज्यों में लाखों श्रमिकों ने अपने घरों को लौटने के लिए पंजीकरण कराया है। 

गोवा में करीब 80 हजार श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है जिनमें अधिकतर उत्तरप्रदेश और बिहार के हैं। वहीं गोवा और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने इन श्रमिकों से अपील की है कि कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के मद्देनजर वे राज्य से बाहर नहीं जाएं और उन्हें काम मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया है। 
रेलवे के सूत्रों ने कहा कि रेलवे को विशेष रेलगाड़ियों की हर सेवा के लिए करीब 80 लाख रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं और इसने इस तरह की 67 रेलगाड़ियां चलाई हैं जिसमें एक मई से करीब 67 हजार फंसे श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। इस पर 50 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आया है। एक दिन पहले कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने प्रवासी श्रमिकों से यात्रा के लिए पैसे लेने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार और रेलवे पर करारा हमला किया था। 

बहरहाल रेलवे ने यह खुलासा नहीं किया कि इन रेलगाड़ियों को चलाने पर उसने कितना खर्च किया लेकिन सरकार ने कहा है कि लागत को राज्यों के साथ 85: 15 के अनुपात में साझा किया गया है। रेलवे के अधिकारियों ने यह भी संकेत दिए कि पहले 34 रेलगाड़ियों के लिए 24 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं जबकि राज्यों ने साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 

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