शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ पर हुई PhD, राज्यपाल ने की अवॉर्ड

शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ पर हुई PhD, राज्यपाल ने की अवॉर्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-03 09:31 GMT
शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ पर हुई PhD, राज्यपाल ने की अवॉर्ड

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में चुनावी तैयारियों के बीच कांग्रेस और भाजपा के दो शीर्ष नेताओं पर पीएचडी अवार्ड हुई है। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ शामिल हैं। इन दोनों पीएचडी की गाइड विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से संबद्ध शांतिवनी कालेजी की पूर्व प्राचार्य डॉ ऊषा तिवारी हैं। दोनों पीएचडी को रविवार शाम विक्रम विश्वविद्यालय ने राज्य पाल आनंदी बेन पटेल के हाथों अवॉर्ड कराया।

शिवराज सिंह चौहान पर पीएचडी करने वाली गुंजा अखंड उज्जैन जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने ‘शिवराज सिंह चौहान का व्यक्तित्व एवं उनके मुख्यमंत्री काल में लागू योजनाओं का विश्लेष्णात्मक अध्यक्ष, उज्जैन जिले के संदर्भ में’ विषय पर शोध किया। वर्ष 2015 से 2018 के बीच के कार्यकाल पर किए गए शोष में निष्कर्ष निकला कि प्रदेश में चलाई जा रही योजनाओं के अनुपात में उसका लाभ जनता को नहीं मिला। योजनाओं के संचालन में पर्याप्त जागरुकता रखी जाए तो आम जनता को लाभ होगा।

इसी तरह कमलनाथ पर पीएचडी करने वाले दिनेश वर्मा छिंदवाड़ा जिले के गांव शाहपुरा के रहने वाले हैं। उन्होंने ‘मप्र की राजनीति में केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की भूमिका एवं छिंदवाड़ा जिले के विशेष संदर्भ में’ विषय पर शोध किया। वर्ष 1980 से 2016 में कमलनाथ के कार्यकाल पर किए गए शोध में निष्कर्ष निकला कि सामाजिक संबंधों के संदर्भ में वे एक परिपक्व व्यक्ति हैं। विकास कार्यों में उन्होंने जनता को भी जोड़ा है। वन्य जीवों, आदिवासी विकास, पर्यावरण के प्रति भी उन्होंने विकास कार्य किए हैं। 

विक्रम विश्वविद्यालय से इस साल पीएचडी करने वाले 9 कैंडिडेंट्स को रविवार को पीएचडी अवार्ड की गई थी, जिसमें यह दो शोध राजनैतिक दल से जुड़े व्यक्ति विशेष पर किए गए थे।

दादा से जो सुना उसे हकीकत में भी देखा
कमलनाथ पर पीएचडी करने वाले छिंदवाड़ा जिले के छोटे से गांव शाहपुरा के रहने वाले दिनेश वर्मा रविवार को पीएचडी अवार्ड के साथ डॉ. दिनेश वर्मा बन गए। विषय के चयन को लेकर उन्होंने कहा कि बचपन में पिता और दादाजी से जिले के विकास में कमलनाथ जी के योगदान के बारे में सुनता था। स्कूल, कॉलेज में पहुंचते तक अपने गांव और जिले को की रंगत भी बदलते देखी। तभी से ठान लिया था कि अपने जिले को गौरव दिलाने वाले व्यक्ति पर जरूर शोध करूंगा। इस शोध पर साढ़े तीन लाख रुपए स्वयं के द्वारा खर्च किए गए।

लाड़ली लक्ष्मी से प्रभावित होकर चुना विषय
शिवराज सिंह चौहान पर पीएचडी करने वाली गुंजा अखंड उज्जैन जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना सहित महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं से वे शिवराज सिंह चौहान की फैन हो गई थी। तभी सोच लिया था कि उनकी योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने शोध करूंगी। मेरी बेटी को लाड़ली लक्ष्मी के साथ सुकन्या का लाभ मिला है। बस एक ही इच्छा है कि मैं अपने शोध कार्य उन तक पहुंचा सकूं। इस शोध पर डेढ़ लाख रुपए स्वयं के द्वारा व्यय किया गया है।

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