वॉट्सऐप-फेसबुक पर रोक की मांग, HC ने केंद्र से मांगा जवाब

वॉट्सऐप-फेसबुक पर रोक की मांग, HC ने केंद्र से मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-22 17:30 GMT
वॉट्सऐप-फेसबुक पर रोक की मांग, HC ने केंद्र से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वीडी मूर्ति नामक शख्स ने फेसबुक और वॉट्सऐप के इस्तेमाल पर रोक की मांग को लेकर पिटीशन दायर की थी। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने पिटीशन पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को 17 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा है।

पिटीशन में इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की कॉल सर्विस को रेगुलेट करने पर कोई फैसला होने तक इन पर रोक लगाने की अपील की गई है। पिटीशन में कहा गया है कि फेसबुक और वॉट्सऐप के अनरेगुलेटेड ऑपरेशंस राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और इनसे सरकारी खजाने को भी नुकसान हो रहा है। वीडी मूर्ति ने कोर्ट से फेसबुक और वॉट्सऐप के वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल या इंटरनेट टेलीफोनी सर्विसेज के रेगुलेशन के लिए अप्रोच किया था।

PIL में कहा गया है कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संदेशों की कूटनीतिक भाषा को समझना और उन्हें क्रैक करना आसान नहीं है। इसलिए इंटरनेट पर इनकी कॉल सर्विसेज को रेगुलेट करने पर फैसला होने तक इनके इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाए। एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर ने केंद्र सरकार से उस एप्लिकेश पर जवाब मांगा है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि इन सविर्सेज को आतंकी भी बातचीत के लिए अक्सर इस्तेमाल करते हैं।

पिटिशनर ने कोर्ट से अपील की है कि वह सरकार को यह आदेश दे कि वह इन दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इनके जैसी ही भारत में जारी अन्य सर्विसेज को एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत लाए। पिटिशनर ने इसके लिए टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स का नाम भी सुझाया है।

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