'हमारे शासनकाल की नहीं, बल्कि 2014 में विरासत में मिली परेशानियां'
'हमारे शासनकाल की नहीं, बल्कि 2014 में विरासत में मिली परेशानियां'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रेलवे में पिछले कुछ महीनों से हो रहे हादसों ने रेलवे प्रशासन को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। ऐसे में मोदी सरकार ने अपना पुराना राग एक बार फिर अलापना शुरू कर दिया है। हाल ही में हुए मुंबई एलफिंस्टन रोड स्टेशन के फुटओवर ब्रिज हादसे के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खुद मीडिया के सामने आकर सफाई दी। गोयल ने कहा कि रेलवे में जो समस्या दिख रही हैं वो उनके शासन काल के पहले से चली आ रही हैं और इसको बदलने के लिए ही बुलेट ट्रेन लाई जा रही है। पीयूष ने कहा कि यह कोई बहाना नहीं हैं बल्कि सच्चाई है भारतीय रेल की दिक्कतें कोई एक दो साल में शुरू नहीं हुईं बल्कि पहले से चली आ रही हैं। गोयल ने इन दिक्कतों से पलड़ा झाड़ते हुए सा कहा कि ये सभी दिक्कतें उनकी सरकार को 2014 में विरासत में मिलीं।
नई तकनीक पर भरोसा या 100 साल पुरानी ?
रेल मंत्री ने आगे कहा कि जो लोग बुलेट ट्रेन का विरोध कर रहे हैं उनको बताना चाहिए कि क्या वह लोगों की सुरक्षा नहीं चाहते या फिर उनको 100 साल पुरानी तकनीक पर भरोसा है। गोयल ने कहा जो लोग बुलेट ट्रेन का विरोध कर रहे हैं उन्हें जनता को जवाब देना चाहिए, क्या वो जनता को पीड़ित, असुरक्षित रखना चाहते हैं? गोयल ने आगे बताया कि रेल मंत्रालय ने पश्चिमी रेलवे के लिए 10 नए फुटओवर ब्रिज बनाने और 13 को चौड़ा करने का आदेश दिया है। सेंट्रल रेलवे में भी 20 नए फुटओवर बनाए जाएंगे। यह सारा काम एक साल के अंदर पूरा करने की बात भी कही गई है।
एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ की वजह से 23 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। वहीं 39 लोग जख्मी हो गए थे। यह भगदड़ एक अफवाह की वजह से मची थी कि ब्रिज का एक हिस्सा टूट गया है। इसके बाद लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़-चढ़कर भागने लगे।