प्रभु के बाद पीयूष गोयल ने संभाली कांटों से भरी रेल मंत्रालय की कुर्सी

प्रभु के बाद पीयूष गोयल ने संभाली कांटों से भरी रेल मंत्रालय की कुर्सी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-05 05:58 GMT
प्रभु के बाद पीयूष गोयल ने संभाली कांटों से भरी रेल मंत्रालय की कुर्सी

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार के बाद कई अहम मंत्रालयों में मंत्री बदले गए। जिनमें से एक है रेल मंत्रालय, देश के नए रेल मंत्री पीयूष गोयल हैं। रेल मंत्री के रूप में पीयूष गोयल ने सोमवार को अपना पदभार संभाल लिया। 

हाल में हुई कई रेल दुर्घटनाओं को देख कर तो यही कहा जाएगा कि देश में रेल मंत्री की कुर्सी आराम से ज्याटा कांटो से भरी है। ये बात खुद गोयल ने स्वीकारी है। गोयल ने कहा कि, "प्रभु उनके मार्गदर्शक रहे हैं, आज मेरे लिए काफी भावुक दिन है। सुरेश प्रभु मेरा मार्गदर्शन करते रहे हैं, पिछले 20 सालों से मुझे निर्देशित करते रहे और मेरा ध्यान रखा। कई बार हमें साथ काम करने का मौका मिला।" 

गोयल के पदभार ग्रहण के दौरान प्रभु वहां मौजूद रहे। प्रभु ने पीयूष गोयल ने काफी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, "पीयूष गोयल के लिए ये पद कांटों से भरा ताज की तरह है।" उल्लेखनीय है कि हाल ही में हुए एक के बाद एक एक्सीडेंट के बाद रेलवे सवालों के घेरे में आ गया है। ऐसे में गोयल की सबसे बड़ी जिम्मेदारी दोबारा से लोगों का भरोसा रेलवे में लाने की होगी। पदभार संभालने के बाद गोयल ने ट्वीट किया कि देश के लोगों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी, गतिशीलता और सेवा की दिशा में काम करने का लक्ष्य है।

23 अगस्त से छोड़ा प्रभु ने ऑफिस

23 अगस्त को प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद से प्रभु कार्यालय नहीं आए और पिछले महीने हुई दुर्घटनाओं के बाद इस्तीफे की बात कही थी। गोयल को इस तथ्य से मदद मिलेगी कि प्रभु ने लंबी अवधि के वित्त प्रबंधन और रेल विकास प्राधिकरण स्थापित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने ऐसी नींव रखी है जिसके आधार पर गोयल आधुनिकीकरण, क्षमता विस्तार और तकनीकी उन्नयन का निर्माण तेज कर सकते हैं, जो कि धन की कमी के कारण लेट हुई।

 

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