जनता की भलाई के लिए नहीं, मोदी को हटाने के लिए हो रहा है महागठबंधन : पीएम मोदी

जनता की भलाई के लिए नहीं, मोदी को हटाने के लिए हो रहा है महागठबंधन : पीएम मोदी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-10 14:07 GMT
जनता की भलाई के लिए नहीं, मोदी को हटाने के लिए हो रहा है महागठबंधन : पीएम मोदी
हाईलाइट
  • पीएम मोदी ने नमो एप के जरिए मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम को संबोधित किया
  • पीएम मोदी ने बुथ कार्यकर्ताओं को दिए जीत के मंत्र
  • रायपुर
  • मैसूर
  • दमोह
  • करौली-धौलपुर और आगरा के भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं ने की पीएम मोदी से बात।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम मोदी ने बुधवार शाम 4.30 पर नमो एप के जरिए मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम के अंतर्गत रायपुर, मैसूर, दमोह, करौली-धौलपुर और आगरा के भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद किया। उन्होंने इस दौरान बीजेपी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्य तो गिनाए ही साथ ही कार्यकर्ताओं को जीत के मंत्र भी सौंपे। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के खिलाफ बन रही महागठबंधन की कोशिशों पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की संभावना से जुड़े एक कार्यकर्ता के सवाल के जवाब में कहा,, "गठबंधन की चिंता आप छोड़ दीजिये। ये मजबूरी से इकट्ठे हुए लोग हैं, जो जमानत पर हैं वो लोग खुद बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। ये जनता की भलाई के लिए इकट्ठे नहीं हुए है, इनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ।"

पीएम ने कहा, "आप जिन दलों की बात कर रहे हैं, इनके नेता पहले तो आपस में लड़ते हैं, एक दूसरे खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं, लेकिन जैसे ही मौका मिलता है, सत्ता के लिए मिल जाते हैं। कर्नाटक में यही हुआ। जनता ये समझती है। ये बात आगामी चुनावों में समझ भी आ जाएगी।"

क्या बोले पीएम मोदी

  • चुनाव जीतना ये हमारे लिए किसी को परास्त करने का अहंकार नहीं है, हमारे लिए ये सेवा करने का एक अवसर है।
  • भारतीय संस्कृति नित्य नूतन चिर पुरातन है। भारत के पास वो सांस्‍कृतिक विरासत है जिसकी आवश्यकता पूरी दुनिया को है। दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों के बीच जीवन जीने की कला सिखाती हमारी संस्कृति एक आशा की किरण है।
  • यह दुर्भाग्य की बात है कि पहले सत्ता में बैठे लोगों को हमारी अपनी संस्कृति पर नाज़ होने के बजाय शर्म आती थी। 
  • आपने एक ऐसी तस्वीर देखी होगी, जिसमें भारत के एक प्रधानमंत्री विदेशी मेहमान के साथ हैं और एक सपेरा बीन बजा रहा है। क्या हमारा आत्मसम्मान इतना गिरा हुआ है।
  • हम सभी जानते हैं कि उम्र बीतने के साथ-साथ स्वास्थ संबंधी दिक्कतें भी आने लगती है। दवाइयों और इलाज का खर्चा बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए जन-औषधि योजना शुरू की गई ताकि दवाइयां सस्ते दामों पर उपलब्ध हो।
  • पहले वरिष्ठ नागरिकों को अपने जीवित होने का खुद जाकर प्रमाण देना पड़ता था, लेकिन अब इसे भी सरल बनाते हुए life certificate की व्यवस्था शुरू की गई है।
  • इसके अलावा सरकार senior citizens को tax incentives भी प्रदान कर रही है। उनके लिए आय पर टैक्स में छूट की मूल सीमा को बढ़ाकर 3 लाख कर दिया गया है। इसके साथ-साथ interest पर deduction की सीमा जो पहले 10 हजार थी, उसे बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है।
  • पिछले दिनों गठबंधन की एक नेता का बयान आपने सुना होगा। उन्होंने यहां तक कहा कि केंद्र में एक मजबूत नहीं, मजबूर सरकार की जरूरत है। आप समझ सकते हैं कि आखिर ये मजबूर सरकार की क्यों अपेक्षा रखते हैं।
  • गठबंधन की चिंता आप छोड़ दीजिये। ये मजबूरी से इकट्ठे आय लोग है जो जमानत पर हैं वो लोग खुद बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। ये जनता की भलाई के लिए इकट्ठे नहीं हुए है, इनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ।
  • आप जिन दलों की बात कर रहे हैं, इनके नेता पहले तो आपस में लड़ते हैं, एक दूसरे खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं, लेकिन जैसे ही मौका मिलता है, सत्ता के लिए मिल जाते हैं। कर्नाटक में यही हुआ।
  • जन सामान्य के लिए सरकार अपनी योजनाओं को ठोस आकार दे पाई है, उसे जमीन पर लागू करने में सफल रही है, तो यह आप जैसे कार्यकर्ताओं की बदौलत ही संभव हो सका है।
  • आप लोग जमीन पर कार्य करते हैं, जनता के सुख दुःख में भागीदार होते है, इसलिए सरकार को पता चलता है कि लोगों की आशाएं क्या हैं, आकांक्षाएं क्या हैं, हमारी दिशा उसके अनुरूप है या नहीं।
  • भाजपा एक कैडर बेस्ड पार्टी है। सरकार और पार्टी के लिए कार्यकर्ताओं का फीडबैक महत्वपूर्ण होता है। यही वजह है कि हम समाज के गरीब, शोषित और वंचित तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सफल हो रहे हैं।
  • 2013 में भारत की tourism रैंकिंग 65 थी जो 2017 में 40 हो गई और इतना ही नहीं भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी सुधार हुआ है – 2013 में भारत में 70 लाख विदेशी पर्यटक आते थे, 2017 में जिनकी संख्या बढ़कर 1 करोड़ से भी ज़्यादा हो गई है।
  • 2013-14 में patents की संख्या 4,000 थी जो 2017-18 में बढ़कर 13,000 से अधिक हो गई है वहीं registered ट्रेडमार्क की बात की जाए तो 2013-14 में registered ट्रेडमार्क की संख्या 68,000 थी जो 2016-17 में बढ़कर 2.5 लाख हो गई है।

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