अमेरिका मना रहा स्वतंत्रता दिवस का जश्न, पीएम मोदी ने जो बाइडेन को बधाई दी, बोले- हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व

अमेरिका मना रहा स्वतंत्रता दिवस का जश्न, पीएम मोदी ने जो बाइडेन को बधाई दी, बोले- हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-04 09:52 GMT
अमेरिका मना रहा स्वतंत्रता दिवस का जश्न, पीएम मोदी ने जो बाइडेन को बधाई दी, बोले- हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व
हाईलाइट
  • कॉन्टिनेटल कांग्रेस ने चार जुलाई
  • 1776 को ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी
  • दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका आज अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को बधाई दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया का सबसे ताकतवर देश संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) आज अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। कॉन्टिनेटल कांग्रेस ने चार जुलाई, 1776 को ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को बधाई दी। 

क्या कहा पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 245वें स्वतंत्रता दिवस पर @पोटस @जो बिडेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। वाइब्रेंट डेमोक्रेसी के रूप में, भारत और अमेरिका फ्रीडम और लिबर्टी की वैल्यू को शेयर करते हैं। हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व है। 

 

 

बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका प्रतिवर्ष 4 जुलाई को स्वतंत्रता की घोषणा को चिह्नित करने के लिए जश्न मनाता है। हालांकि, इंडिपेंडेंस का एक्चुअल रिजेल्यूशन दो दिन पहले 2 जुलाई को पारित किया गया था, जब तेरह उपनिवेश कानूनी रूप से ग्रेट ब्रिटेन के शासन से अलग हो गए थे। 4 जुलाई को नागरिक आमतौर पर आतिशबाजी और परेड कर इसे मनाते हैं। हालांकि, इस वर्ष कोरोनावायरस की स्थिति को देखते हुए, सोशल ईवेंट सीमित रहेंगे। हालांकि अधिकारियों ने अमेरिकियों से अपने क्षेत्र में एक प्रोफेशनल फायरवर्क डिस्प्ले में भाग लेने का अनुरोध किया है। 

अमेरिका के फाउंडिंग फादर - जॉन एडम्स, बेंजामिन फ्रैंकलिन, अलेक्जेंडर हैमिल्टन, जॉन जे, थॉमस जेफरसन, जेम्स मैडिसन और जॉर्ज वाशिंगटन - सात प्रमुख नेताओं के ग्रुप का हिस्सा थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी युद्ध का नेतृत्व किया और इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाई। तेरह उपनिवेशों को एकजुट करते हुए राष्ट्र की स्थापना। उन्होंने क्लासिकल लिबरल पॉलिसीज के आधार पर नई सरका के स्ट्रक्चरल फ्रेमवर्क का भी नर्माण किया।

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