मिडिल ईस्ट में मोदी : फिलिस्तीन पहुंचे PM, यहां देखें पूरा प्रोग्राम

मिडिल ईस्ट में मोदी : फिलिस्तीन पहुंचे PM, यहां देखें पूरा प्रोग्राम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-10 06:55 GMT
मिडिल ईस्ट में मोदी : फिलिस्तीन पहुंचे PM, यहां देखें पूरा प्रोग्राम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन देशों की यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जॉर्डन पहुंचे थे, जहां उनका राजधानी अम्मान में  काफी गर्मजोशी से स्वागत हुआ। इसके बाद उनकी मुलाकात जार्डन के किंग शाह अब्दुल्ला द्वितीय से हुई। मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि, ""जॉर्डन के शासक किंग अब्दुल्ला के साथ एक शानदार बैठक हुई। ये द्विपक्षीय चर्चा दोनो देशों के संबंधों को मजबूती देगी।"" आपको बता दें कि, भारत के विदेश संबंध में खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया क्षेत्र को एक खास प्राथमिकता देते हुए पीएम मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा था कि, उनकी ये यात्रा दौरे के देशों से भारत के रिश्ते मजबूत करेगी। आपको ये भी बता दें कि, पिछले 30 सालों में ऐसा पहली बार है कि, कोई भारतीय प्रधानमंत्री जॉर्डन यात्रा पर गए हों। 1950 में राजनयिक संबंधों के शुरू होने के साथ ही भारत और जॉर्डन की दोस्ती रही है।

फिलिस्तीन दौरे का मकसद

दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फिलिस्तीन की यात्रा पर है, जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति महमूद अब्बास से होगी। पीएम मोदी के तीनों देशों के दौरों में फिलीस्तीन का दौरा बेहद खास है, क्योंकि वहां के प्रधानमंत्री ने मोदी को वर्ल्ड लीडर कहा है, साथ ही उनसे मदद भी मांगी है। इसकी वजह साफ है कि, पीएम मोदी ने इजरायल से भी मजबूत रिश्ते हैं और फिलीस्तीन से भारत का नाता तो काफी पुराना है। इसके अलावा भारत ने फिलीस्तीन को बुनियादी विकास में मदद की है। इससे पहले साल 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी फिलीस्तीन यात्रा पर गए थे, जिसके बाद से फिलीस्तीन में तीन करोड़ डॉलर की परियोजनाओं का काम शुरू हुआ। आपको बता दें कि, प्रधानमंत्री मोदी फिलीस्तीन जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।

खास बातें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएम मोदी फिलिस्तीन में विशेष सुविधाओं वाले एक अस्पताल बनाने की घोषणा कर सकते हैं, जिसे राजधानी रामाल्लाह में बनाना प्रस्तावित है। वहीं, राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास से मुलाकात में करेंगे जिसमें फिलिस्तीन के विकास को लेकर अहम चर्चा होगी, साथ ही भारत से मजबूत रिश्तों पर सहयोग तय होगा। मीडिया सूत्रों की माने तो, पीएम मोदी की इस यात्रा का खास मकसद फिलिस्तीन के लोगों को वो इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं मुहैया कराना है, जिससे वो अबतक वंचित हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि, पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत सरकार की ओर से इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर रुख साफ किया गया है। दोनों देशों के साथ भारत के संबंध "आजाद" और "खास" हैं। भारत का साफ संदेश है कि इजराइल-फिलिस्तीन आपस के झगड़े मिलकर बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के सुलझाएं। इससे पहले जॉर्डन किंग से भी मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने फिलिस्तीन को लेकर जॉर्डन का मत जाना था, इसमें येरूशलम को ध्यान में रखा गया था।

येरूशलम होगी इजरायल की राजधानी, जानें क्यों हैं इसको लेकर विवाद? 

क्या है पूरा प्रोग्राम ?

10.10 AM : पीएम मोदी रामाल्लाह पहुचेंगे।

10.15 AM : यासिर अराफात के मकबरे जाएंगे, साथ ही उनके म्यूजियम जाकर पुष्पांजली आयोजन में शामिल होंगे। 

10.45 AM : गॉड ऑफ ऑनर

11.00 AM : फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मेहमूद अब्बास से मुलाकात होगी।

11.45 AM : लंच करेंगे

12.40 PM : समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे, साथ ही एम.ओ.यू और प्रेस वार्ता होगी।

01.10 PM : क्वीन आलिया इंटरनेशनल हवाई अड्डे के लिए निकलेंगे।

01.45 PM : अमान से अबु धाबी के लिए विमान से रवाना होंगे।

06.30 PM : अबु धाबी हवाई अड्डे पर उतरेंगे वहीं से राष्ट्रपति के ओपचारिक रिसेप्शन में शामि होंगे।

07.15 PM : अबू घाबी के क्राउन प्रिंस एच. एच. शेख मोहम्मद बिन जयाद अल नहयान के साथ बैठक होगी।

08.05 PM : समझोते होंगे

08.30 PM : अबू घाबी के क्राउन प्रिंस की मेहमानी में रात्री भोज में शामिल होंगे।

क्यों खास है पीएम का फिलिस्तीन दौरा? 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को फिलिस्तीन पहुंच गए हैं। इसके साथ ही मोदी फिलिस्तीन जाने वाले पहले पीएम हैं। पीएम शनिवार को रामल्लाह पहुंचे, ये जगह येरूशलम से सिर्फ 8 किलोमीटर दूर है। इसके साथ ही पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए खास है, क्योंकि इस वक्त इजरायल और फिलिस्तीन के बीच रिश्तों में खटास है। इसके अलावा मोदी सरकार पर हमेशा से आरोप लगे हैं कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिलिस्तीन को नजरअंदाज किया गया। पीएम मोदी का ये दौरा इस गलतफहमी को भी दूर करेगा।

पिछले साल इजरायल गए, लेकिन फिलिस्तीन नहीं गए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल जुलाई में तीन दिन की यात्रा पर इजरायल पहुंचे थे। उस दौरान दोनों देशों के बीच कई बड़े समझौते हुए थे। इजरायल की यात्रा करने वाले भी मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। उस वक्त माना जा रहा था कि मोदी इजरायल के बाद फिलिस्तीन जा सकते हैं, लेकिन मोदी नहीं गए थे। जिसके बाद काफी निराशा जताई गई थी। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पीएम मोदी के इस कदम पर सवाल उठे थे और भारत में भी मोदी सरकार पर फिलिस्तीन को नजरअंदाज करने का आरोप लगा था। फिलिस्तीनी मीडिया में भी ये बात उठी थी कि भारत 1947 से चली आ रही पॉलिसी से दूर हो रहा है।

इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ भारत

भारत के संबंध इजरायल और फिलिस्तीन से हमेशा से अच्छे रहे हैं और मोदी सरकार आने के बाद ये संबंध पहले से और बेहतर हुए हैं। इजरायल दौरे पर जाने वाले मोदी पहले भारतीय पीएम थे और अब फिलिस्तीन जाने वाले भी मोदी पहले भारतीय पीएम होंगे। इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर अपनाई गई भारत की इस पॉलिसी को एक्सपर्ट्स "डी-हाइफनेशन" का नाम देते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस तरह से अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई को नजरअंदाज कर दोनों देशों से संबंध रखता है। उसी तरह से भारत भी इजरायल और फिलिस्तीन की आपसी तल्खी को नजरअंदाज कर दोनों देशों से रिश्तों को तरजीह देता है।

भारत और फिलिस्तीन का पुराना नाता

1. भारत और फिलिस्तीन के बीच रिश्ते हमेशा से बेहतर रहे हैं। महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फिलिस्तीनियों पर हुए अत्याचार के खिलाफ सबसे पहले लेटर लिखा था। 

2. 1990 तक भारत खुलेआम फिलिस्तीन को सपोर्ट करता रहा है और कई इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स पर भारत ने फिलिस्तीनियों पर हुए अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है। 

3. भारत में कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के रिश्ते फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) और उनके नेता यासिर अराफात से शुरू से ही अच्छे रहे हैं। यासिर अराफात खुद 1970 के बाद से कई बार भारत आ चुके हैं। बता दें कि अराफात जब पहली बार भारत आए थे, तब जनसंघ ने इसका जमकर विरोध किया था। 

4. इसके अलावा अरब कंट्रीज़ को छोड़कर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने वाला भारत पहला देश है।

 

Similar News