भीमा कोरेगांव हिंसा केस: नक्सलियों से संपर्क के आरोप में कवि वरवर राव गिरफ्तार

भीमा कोरेगांव हिंसा केस: नक्सलियों से संपर्क के आरोप में कवि वरवर राव गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-18 03:52 GMT
भीमा कोरेगांव हिंसा केस: नक्सलियों से संपर्क के आरोप में कवि वरवर राव गिरफ्तार
हाईलाइट
  • अगस्त में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस की अगुवाई में देशभर में छापेमारी हुई थी।
  • कवि वरवर राव को नक्सलियों से संपर्क रखने और उनका समर्थन करने के आरोप में महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
  • महाराष्ट्र पुलिस वरवर राव को गिरफ्तार करने के बाद पुणे लेकर गई है।
  • राव उन पांच लोगों में शामिल हैं
  • जिन पर नक्सलियों के साथ संबंध रखने और भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल होने के आरोप हैं।

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलुगू कवि वरवर राव को नक्सलियों से संपर्क रखने और उनका समर्थन करने के आरोप में महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राव की गिरफ्तारी हैदराबाद स्थित उनके आवास से की गई। गौरतलब है कि वरवर राव को घर में नजरबंद किया गया था। शुक्रवार को हैदराबाद हाईकोर्ट ने राव की नजरबंदी बढ़ाए जाने याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद शनिवार को उनकी गिरफ्तारी हुई है। महाराष्ट्र पुलिस वरवर राव को गिरफ्तार करने के बाद पुणे ले आई है। अब उन्हें पुणे की अदालत में पेश किया जाएगा।

 

 

बाता दें, राव उन पांच लोगों में शामिल हैं, जिन पर नक्सलियों के साथ संबंध रखने और भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल होने के आरोप हैं। इससे पहले अगस्त में भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस की अगुवाई में देशभर में छापेमारी हुई थी। उस दौरान राव समेत कई नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था।हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और उनको नजरबंद रखने का निर्देश दिया था। इससे पहले इस साल के शुरुआत में पुणे पुलिस ने नक्सल नेता की ओर से लिखे गए एक कथित पत्र को जब्त किया था, जिसमें देश में विभिन्न नक्सल गतिविधियों के लिए प्रतिष्ठित तेलुगू कवि वरवर राव के कथित ‘मार्गदर्शन’ के लिए उनकी तारीफ की गई थी।


पुणे सेशंस कोर्ट में पेश होंगे राव 

पुणे के जॉइंट पुलिस कमिश्नर ने जानकारी देते हुए बताया कि वरवर राव की घर में नजरबंदी की मियाद को हैदराबाद हाई कोर्ट ने बढ़ाया था, वो शनिवार को खत्म हो गई। इसके साथ ही कोर्ट ने राव की एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया। उन्हें पुणे पुलिस ने अरेस्ट किया है और अब उन्हें पुणे कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में गुरुवार (15 नवंबर) को पुणे पुलिस ने सेशंस कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। पुलिस ने कोर्ट में इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। ये चार्जशीट 5,160 पन्‍नों की है। जिन 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, उनमें से पांच को 6 जून को गिरफ्तार किया गया था। वहीं इस मामले में पांच आरोपी अभी भी फरार हैं। पुणे पुलिस ने सेशंस कोर्ट में पांच आरोपियों वकील सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर ढवले और रोना विल्सन समेत दस आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। 

 

क्या है भीमा कोरेगांव हिंसा केस

पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।हिंसा के लिए यलगार परिषद पर भी आरोप लगाया गया था। भीमा-कोरेगांव में जनवरी हुई हिंसा में पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद चौंकानेवाला खुलासा हुआ था।

 

कौन हैं वरवर राव ? 

नक्सल समर्थक वरवर राव एक कवि और लेखक हैं, जो उनके क्रांतिकारी लेखन और सार्वजनिक भाषणों के लिए प्रसिद्ध हैं। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में अगस्त में पहली बार इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। राव 1957 से कविताएं लिख रहे हैं। उन्हें इमरजेंसी के दौरान अक्टूबर 1973 में आंतरिक सुरक्षा रखरखाव कानून (मीसा) के तहत गिरफ्तार किया गया था। आपातकाल के दौरान उनकी तरह कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया गया था। वरवर, वीरासम (क्रांतिकारी लेखक संगठन) के संस्थापक सदस्य थे। साल 1986 के रामनगर साजिश कांड सहित कई अलग-अलग मामलों में 1975 और 1986 के बीच उन्हें एक से ज्यादा बार गिरफ्तार और फिर रिहा किया गया। उसके बाद 2003 में उन्हें रामवगर साजिश कांड में बरी किया गया और 2005 में फिर जेल भेज दिया गया था। उन्हें नक्सलियों का समर्थक माना जाता है। वरवर राव पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का आरोप कई बार लग चुके हैं। 

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