ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी जज, ऐसे लिखी सफलता की कहानी

ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी जज, ऐसे लिखी सफलता की कहानी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-01 11:56 GMT
ऑटो ड्राइवर की बेटी बनी जज, ऐसे लिखी सफलता की कहानी

डिजिटल डेस्क, देहरादून। कहते हैं ना टैलेंट हो तो आदमी कभी भी कहीं भी पहुंच सकता है। टैलेंट किसी का मोहताज नहीं होता। उत्तराखंड की पूनम टोडी ने यहीं मिसाल पेश की है। पूनम एक ऑटो चालक की बेटी है और उन्होंने जज के एक्जाम में टॉप किया है। पूनम अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानती है। उनका कहना है पीएम मोदी जो बेटियों को पढ़ाने की बात कर रहे हैं, वह इस बात से काफी प्रभावित हैं। बेटियों को सम्मान मिलना चाहिए।

तीसरी बार में मिली सफलता
उत्तराखंड पीसीएस-ज्यूडिशियल एग्जाम 2016 के रिजल्ट आ चुके हैं। बुधवार को इस एग्जाम के इंटरव्यू का रिजल्ट घोषित किया गया। पहले तीन स्थानों पर बेटियों ने कब्जा जमाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। पूनम टोडी पहले, पल्लवी गुप्ता दूसरे और उर्वशी रावत तीसरे स्थान पर रहीं। बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पिछले साल 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक परीक्षा आयोजित की थी। पूनम टोडी पहले भी दो बार पीसीएस (जे) का साक्षात्कार दे चुकी हैं पर सफलता नही मिल पाई थी। लेकिन इस बार उनको सफलता मिल गई है।

 



पिता ने नहीं आने दी आर्थिक तंगी आड़े
उत्तराखंड पीसीएस-ज्यूडिशियल एग्जाम में टॉप करने वाली पूनम टोडी देहरादून के धर्मपुर इलाके की नेहरू कॉलोनी में रहती है। उनके पिता अशोक तोदी पेशे से एक ऑटो ड्राइवर हैं। पूनम अपनी सफलता की कहानी बयां करते हुए कहती है कि, मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है और मेरे परिवार ने हर कदम पर मेरा साथ दिया है। मेरे पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी मेरे सामने किसी तरह की आर्थिक तंगी नहीं आने दी। मैं अपनी जिम्मेदारियों का पूरी ईमानदारी से पालन करूंगी। मैं सभी माता-पिताओं से कहना चाहती हूं कि वे अपने बेटियों को भी पढ़ाई करने दें।

 



बेटी की कामयाबी पर फक्र
वहीं अपनी बेटी की इस कामायाबी से अशोक टोदी फूले नहीं समा रहे है। उनके घर पर बधाई देने वालो का ताता लग गया है। अशोक बताते हैं कि दिन का 400-500 रुपये ही कमा पाते हैं। इस कम आमदनी में परिवार का भरण पोषण बहुत मुश्किल से किया। उनकी दो बेटियां और दो बेटे हैं। जिनमें उन्होंने कभी फर्क नहीं किया। उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिए घर के अन्य खर्चों में कटौती की। वह कहते हैं कि बच्चे ही जीवन की असल पूंजी हैं और बेटी ने यह सच भी कर दिखाया है। पूनम ने उनका सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है। अशोक तोदी ने कहा कि उनकी बेटी ने कड़ी मेहनत की है और उसकी सफलता का श्रेय उसके भाई, मां और उसकी कड़ी मेहनत को जाता है। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि हर बेटी इसी तरह अपने माता-पिता को गौरवान्वित करे।

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