प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज हिमाचल दौरा, कई हाइड्रो प्रोजेक्ट की दी सौगात

पनबिजली परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज हिमाचल दौरा, कई हाइड्रो प्रोजेक्ट की दी सौगात

ANAND VANI
Update: 2021-12-27 03:00 GMT
हाईलाइट
  • तीन दशकों से लंबित पड़ी है पनबिजली परियोजना
  • मोदी आज करेंगे पूरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज हिमाचल प्रदेश दौरा है। पीएम प्रदेश के मंडी में करीब 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी, साथ ही पनबिजली परियोजनाओं  और रेणुकाजी बांध परियोजना का शिलान्यास किया। करीब तीन दशकों से लंबित पड़ी इस परियोजना को प्रधानमंत्री की सहकारी संघवाद की सोच माना जा रहा है। पीएम मोदी इससे पहले  हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह की अध्यक्षता भी की।  इसमें भाग लेने के लिए करीब 200 निवेशक मंडी पहुंचे  हैं।  इस बैठक से करीब 28,000 करोड़ रुपये के निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पीएम मोदी जनसभा को भी संबोधित कर रहे है। 

ये परियोजनाओं है शामिल 
7,000 करोड़ की रेणुका बांध परियोजना और 1,800 करोड़ की 210 मेगावाट से अधिक की लुहरी स्टेज-1 पनबिजली परियोजना । 2,000 करोड़ रुपये की शिमला जिले में पब्बर नदी पर बनी 111 मेगावाट की सावड़ा कुड्डू पनबिजली परियोजना । 700 करोड़ रुपये से बनने वाली 66 मेगावाट की धौलासिद्ध पनबिजली परियोजना । 

पीएम मोदी हमीरपुर जिले की पहली पनबिजली परियोजना धौलासिद्ध परियोजना की भी आधारशिला रखी। इस परियोजना में 680 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इससे प्रति वर्ष 300 मिलियन यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा।

पीएम मोदी सावरा-कुड्डू पनबिजली परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे। 111 मेगावाट की इस परियोजना  में  2080 करोड़ रुपये खर्च होंगे।  इससे 380 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष  बिजली का उत्पादन होगा और राज्य को प्रतिवर्ष 120 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा। 

पीएम को ये तोहफे दिए जाएंगे
चंबा थाल
सात फीट त्रिशूल
पश्मीना शाल
सेपू बड़ी 

प्रधानमंत्री संसाधनों  का पूरी तरह से उपयोग करने पर जोर देते हैं। इस कड़ी में पनबिजली क्षमता का अधिकतम उपयोग करना एक कदम माना जा रहा है। इसके जरिए दिल्ली को प्रति वर्ष लगभग 500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आपूर्ति हो सकेगी। 210 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण 1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा।इससे हर साल 750 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होने की उम्मीद है। 


 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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