दिल्ली पहुंचा गोरखा आंदोलन, समर्थक बोले- मर जाएंगे, पर बंगाल सरकार के गुलाम नहीं रहेंगे

दिल्ली पहुंचा गोरखा आंदोलन, समर्थक बोले- मर जाएंगे, पर बंगाल सरकार के गुलाम नहीं रहेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-09 12:38 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अलग गोरखालैंड राज्य की मांग के साथ दार्जिलिंग से आंदोलनकारी दिल्ली पहुंच चुके हैं। 110 मीटर लम्बे राष्ट्रीय ध्वज के साथ रविवार को इन लोगों ने राजधानी में मार्च निकाला। यहां आंदोलनकारियों ने ममता सरकार पर निर्दोष लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया। साथ ही केन्द्र सरकार से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है। आंदोलनकारियों का कहना है कि वे मर जाएंगे, लेकिन बंगाल सरकार के अधीन नहीं रहेंगे।

राजधानी में यह विरोध मार्च गोरखा संयुक्त संघर्ष समिति (GSSS) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने निकाला। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर ममता बनर्जी के खिलाफ नारेबाजी की। GSSS अध्यक्ष किरण बी के ने बंगाल सरकार पर निर्दोष लोगों की हत्या करने का आरोप लगाया। उन्होंने केन्द्र सरकार से बंगाल DGP को बर्खास्त करने की भी मांग की।

पहचान का संकट ! 

अलग गोरखालैंड की मांग के लिए यहां प्रदर्शन कर रही दार्जिलिंग की एक महिला कार्यकर्ता स्तूती थामी ने कहा, 'बंगालियों की तरह हमारी भी एक पहचान होनी चाहिए। हम इस पहचान के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। अपने इसी अधिकार की मांग के चलते हमारे लोग गोलियां खा रहे हैं। केन्द्र को इस मामले में ध्यान देना चाहिए।' उन्होंने आगे कहा कि हम मरने के लिए तैयार हैं, लेकिन बंगाल सरकार के अधीन नहीं रह सकते। विरोध मार्च राजघाट से जंतर-मंतर तक निकाला गया। विरोध मार्च में अलग गोरखालैंड के लिए लोगों का 110 साल का संघर्ष भी दिखाया गया। कुछ समर्थकों ने इस मार्च के दौरान केन्द्र की भाजपा सरकार को भी दोष देते हुए कहा कि चुनाव के पहले और चुनाव के बाद भाजपा में बहुत बदलाव आया है।

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