पीएम मोदी किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए डालेंगे,  राहुल गांधी किसानों के लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे 

पीएम मोदी किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए डालेंगे,  राहुल गांधी किसानों के लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-23 10:36 GMT
पीएम मोदी किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए डालेंगे,  राहुल गांधी किसानों के लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे 

डिजिटल डेस्क ( नई दिल्ली)। कृषि बिल के खिलाफ किसानों का विरोध लगातार जारी है और इस बीच कई किसान अपनी जान तक गवां बैठे हैं। ऐसे में किसानों के विरोध को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को राष्ट्रपति से मिलेंगे। वहीं, दूसरी तरफ 25 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी किसानों के खाते में 18 हज़ार करोड़ रुपए की राशि भेजने वाले हैं। 

 कांग्रेस सांसद के सुरेश ने बुधवार को कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी 24 दिसंबर गुरुवार की सुबह 10:45 बजे विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक एक प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे और राष्ट्रपति राम नाथ को एक ज्ञापन सौंपेंगे। वे कोविंद से किसानों के समर्थन में अपना हस्तक्षेप करने की मांग करेंगे। "राहुल गांधी ने एक बार इसके पहले भी विपक्षी नेताओं के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और किसानों के मुद्दे को हल करने के लिए ज्ञापन सौंपा था। लेकिन राष्ट्रपति और सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। राहुल गांधी कल सुबह 10:45 बजे विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक कांग्रेस के साथ प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे।  

उन्होंने कहा, "इसके बाद, वह और अन्य वरिष्ठ नेता भारत के राष्ट्रपति से मिलेंगे और किसानों के आंदोलन को हल करने के लिए उनके हस्तक्षेप के लिए 2 करोड़ हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपेंगे,"। उल्लेखनीय है कि किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 के खिलाफ 26 नवंबर से सैकड़ों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

केंद्र सरकार ने रविवार को किसान नेताओं को आंदोलन खत्म करने की कोशिशों के बीच नए दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया। सरकार ने किसानों के साथ अब तक कई दौर की बातचीत की है। 8 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फार्म यूनियनों के 13 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। हालांकि, एक दिन बाद, किसान नेताओं ने केंद्र द्वारा भेजे गए एक प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।  

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