राहुल गांधी का ट्वीट, क्यों कई तानाशाहों के नाम ऐसे हैं जो M से शुरू होते हैं ! आइए, जानते हैं ऐसे 7 शासकों के बारे में  

राहुल गांधी का ट्वीट, क्यों कई तानाशाहों के नाम ऐसे हैं जो M से शुरू होते हैं ! आइए, जानते हैं ऐसे 7 शासकों के बारे में  

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-03 13:13 GMT
राहुल गांधी का ट्वीट, क्यों कई तानाशाहों के नाम ऐसे हैं जो M से शुरू होते हैं ! आइए, जानते हैं ऐसे 7 शासकों के बारे में  
हाईलाइट
  • तानाशाहों के नाम M से शूरू होते हैं
  • भाजपा बोली- क्या जरुरी है कि राहुल गांधी को गंभीरता से लिया जाए?
  • राहुल गांधी के एक ट्वीट पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है।

डिजिटल डेस्क ( भोपाल)।  कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के एक ट्वीट पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि क्यों कई तानाशाहों के नाम ऐसे हैं जो M से शुरू होते हैं ! और इसके बाद उन्होंने 7 नाम (मार्कोस, मुसोलिनी, मिलोशेविच, मुबारक, मोबूतो, मुशर्रफ व माईकोम्बरो) लिखे हैं। इसके बाद बीजेपी के नेता लगातार राहुल गांधी पर पलटवार कर रहे हैं। 

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि अंजान राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि अधिकतर तानाशाहों के नाम M से शूरू होते हैं। मैंने उनसे पूछा है कि मोहनदास करमचंद गांधी अहिंसा के पुजारी थे जो सारे विश्व में जाने जाते हैं। उनका नाम भी M शब्द से शूरू होता है। उनके बारे में उनकी क्या राय है। 

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जे.पी. नड्डा ने राहुल गांधी के "तानाशाह" वाले  ट्वीट पर कहा कि, क्या जरुरी है कि राहुल गांधी को गंभीरता से लिया जाए? उनका भारतीय राजनीति को लेकर क्या दृष्टिकोण रहा है यह सब जानते हैं। 

बहरहाल, आइए जानते हैं राहुल गांधी ने जिन 7 तानाशाह लोगों के नाम लिखे हैं उनके बारे में... 

मार्कोस (Marcos) : फिलीपींस के पूर्व तानाशाह फर्दिनांद मार्कोस और उनकी पत्नी इमेल्द ने फिलीपींस में 20 सालों तक शासन किया था। इनके कार्यकाल में फिलीपींस के बड़े हिस्से में मार्शल लॉ लागू था। इनके ख़िलाफ़ लाखों की संख्या में जनता सड़क पर उतर गई थी और सत्ता से बेदखल कर दिया था। 

मुसोलिनी (Mussolini) : पहला फासीवादी शासन इटली में बेनिटो मुसोलिनी द्वारा 1925 में स्थापित किया गया था।  75 साल पहले 28 अप्रैल, 1945 को इटली के फ़ाशिस्ट तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी को उनकी प्रेमिका क्लारेटा पेटाची के साथ गोली मार दी गई थी। बेनिटो मुसोलिनी. ऐसा तानाशाह जो जनता को प्यारा था. जिसे जनता पूजे जाने की हद तक चाहती थी. जिसके पीछे पूरी ताकत से खड़ी थी. और फिर एक दिन, उसी जनता ने उसकी लाश को चौराहे पर टांग दिया था। 

मिलोशेविच (Milosevic) : स्लोबोदान मिलोशेविच एक सर्बियाई राजनीतिज्ञ, सर्बिया के सोशलिस्ट गणराज्य के अध्यक्ष (7वें राष्ट्रपति), सर्बिया गणराज्य के पहले राष्ट्रपति, यूगोस्लाव गणराज्य के तीसरे राष्ट्रपति, सर्बियाई कम्युनिस्ट एलायंस के अध्यक्ष और सर्बियाई सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष थे। उन्हें एक तानाशाह के रूप में देखा जाता है। बोस्निया युद्ध में उनकी भूमिका के चलते उनपर युद्ध अपराध जैसे घोर इल्ज़ाम लगाए गए थे। 11 मार्च 2006 को स्लोबोदान मिलोशेवि की जेल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। 

मुबारक (Mubarak): तानाशाही विचारधारा दुनिया के लिए उतनी ही खतरनाक है, जितनी कि अव्यवस्थित लोकतंत्र। इन तानाशाहों में एक तानाशाह मिस्त्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक भी हैं जिन्हें मिस्त्र की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। होस्नी मुबारक ने लगभग 30 साल तक मिस्र पर एकछत्र राज किया था। मुबारक पर 900 लोगों की हत्याओं में भागीदारी के आरोप हैं। 

मोबूतो (Mobutu) : Mobutu Sese Seko (कर्नल जॉसेफ़ मोबूतो) कांगो के सेनाप्रमुख जिन्होंने 1960 में स्वतंत्र हुए कांगों में दस सप्ताह बाद ही पहली बार तख्तापलट कर सैनिक शासन कायम किया। इसकी घोषणा करते हुए सेना प्रमुख कर्नल मोबूतो ने कहा था कि उन्होंने दोनों प्रतिद्वंदी प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपति जॉसेफ़ कसावुबु को हालात क़ाबू में आने तक के लिए निलंबित कर दिया है। उनके इस कदम के बाद दक्षिणी प्रांत कटांग में हिंसा भड़क गई थी जिसमें कम से कम 70 लोग मारे गए थे।

मुशर्रफ (Musharraf): पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने साल 1999 में नवाज़ शरीफ की लोकतान्त्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की बागडोर संभाली और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। अक्टूबर 1999 में नवाज़ शरीफ़ ने जब मुशर्रफ़ को उनके पद से हटाने की कोशिश की तो मुशर्रफ़ के प्रति वफ़ादार जनरलों ने शरीफ़ का ही तख्ता पलट करके सरकार पर कब्जा कर लिया।  

 माईकोम्बरो (Micombero): जनरल मिशेल माइक्रोबेरो एक बुरुंडियन राजनेता और सैनिक थे, जिन्होंने 1966 और 1976 के बीच एक दशक के लिए देश के पहले राष्ट्रपति और वास्तविक तानाशाह के रूप में शासन किया था। मिकोमबेरो ने 1966 से बुरुंडी पर एक सैन्य तानाशाह के रूप में शासन किया। 1972 में, माइक्रोम्बो की सत्ता को चुनौती देने की कोशिश के कारण हुतु आबादी के खिलाफ नरसंहार की हिंसा हुई थी जिसमें लगभग 100,000 लोग, जिनमें मुख्यतः हुतस थे, मारे गए थे। 

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