पासवान ने दिया विवादित बयान, ऊना में दलितों की पिटाई को बताया 'छोटी घटना'
पासवान ने दिया विवादित बयान, ऊना में दलितों की पिटाई को बताया 'छोटी घटना'
डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात में चुनाव प्रचार में लगे एसजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ऊना में चार दलितों की पिटाई को छोटी घटना बताकर विवाद खड़ा कर दिया है। जिसके बाद उन्हे इस बयान को लेकर काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है। दरअसल खाद्य एवं वितरण उपभोक्ता मंत्री पासवान ने बीजेपी की तरफ से सुरक्षित सीट अहमदाबाद के दनिलिम्दा इलाके में डोर-टु-डोर चुनाव प्रचार के दौरान यह बात कही।
गौरतलब है कि मीडिया से बातचीत के दौरान पासवान ने कहा कि, "मैं यह कहना चाहता हूं कि अक्सर छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। मेरे बिहार में इस तरह की घटना अक्सर सुनने को मिलती है। गुजरात के ऊना में भी ऐसी ही छोटी घटना हुई थी जिस पर काफी बवाल हुआ था लेकिन सरकार का काम ऐक्शन लेना है और इस तरह की घटनाओं पर किस तरह के कदम उठाए गए हैं इस और ध्यान देना ज्यादा जरूरी है।"
जिग्नेश ने की इस्तीफे की मांग
रामविलास पासवान के इस बयान के बाद राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेश मेवानी ने इसे शर्मनाक बताते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है। जिग्नेश ने कहा, "पासवान का ऊना अत्याचार को छोटी घटना बताने वाला बयान शर्मनाक है और यह पीड़ितों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा है जिन्हें बर्बरतापूर्वक मारने के बाद अर्धनग्न करके घुमाया गया था।" जिग्नेश ने आगे कहा, "इस घटना के विरोध में करीब 30 दलितों ने जहर पी लिया था, सड़क और रेल लाइन को जाम करके पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन किया था। ये एक जघन्य घटना थी। हम बीजेपी नेता पासवान के इस शर्मनाक बयान की आलोचना करते हैं और इस्तीफे की मांग करते हैं।"
पूरा मामला
पिछले साल गुजरात के ऊना में मरी हुई गाय के शरीर से मांस निकालने को लेकर चार दलितों युवकों को बहुत ही बुरी तरह से पीटा गया था। उसके बाद दलितों समुदाय ने जमकर विरोध किया था और उस विरोध में गुजरात के सरकारी कार्यालयों के सामने मरी हुई गायें डाल दी गई थीं। गुजरात ही नहीं बल्कि देशभर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। उधर पासवान के इस बयान को राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच की संयोजक जिग्नेश मेवानी ने शर्मनाक बताकर उनके इस्तीफे की मांग की।