सोलर ऊर्जा संयंत्र से रीवा को नई पहचान मिली : मोदी

सोलर ऊर्जा संयंत्र से रीवा को नई पहचान मिली : मोदी

IANS News
Update: 2020-07-10 07:00 GMT
सोलर ऊर्जा संयंत्र से रीवा को नई पहचान मिली : मोदी
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  • सोलर ऊर्जा संयंत्र से रीवा को नई पहचान मिली : मोदी

दिल्ली/भोपाल/रीवा 10 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना के शुरू होने से रीवा को नई पहचान मिलेगी।

मोदी ने परियोजना राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि रीवा की पहचान पहले नर्मदा नदी और सफेद बाघ के कारण थी, मगर अब सौर उर्जा के संयंत्र के कारण होगी। इसके साथ ही राज्य में अन्य परियोजनाओं के शुरू होने से मध्य प्रदेश सस्ती और साफ सुथरी बिजली का हब बन जाएगा। इससे किसान, गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती बिजली मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सौर उर्जा आने वाली सदी की उर्जा का बड़ा मध्यम बनने वाली है। यह उर्जा श्योर, प्योर व सिक्योर भी है। आत्म निर्भर भारत के लिए बिजली की आत्म निर्भरता आवश्यक है। इसमें सौर उर्जा बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली है।

यह सौर उर्जा परियोजना की क्षमता 750 मेगावाट है। इसमे तीन इकाईयां 250-250 मेगावाट की है। इस परियोजना की 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मैटो को दी जाएगी। यह एशिया की सबसे बड़ी सौर उर्जा परियोजना है। इस परियोजना का प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से वर्चुअल लेाकार्पण किया। यह लगभग चार हजार करोड़ की लागत से स्थापित की गई परियोजना है। इस मौके पर भोपाल मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली में केंद्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, थावरचंद्र गहलोत, प्रहलाद पटेल मौजूद रहे।

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