नागपुर में भागवत : देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है रोहिंग्या मुसलमान

नागपुर में भागवत : देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है रोहिंग्या मुसलमान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-30 13:05 GMT
नागपुर में भागवत : देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है रोहिंग्या मुसलमान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर शहर आकर विजयदशमी के अवसर पर दशहरा रैली को संबोधित किया है। मोहन भागवत ने सभा को संबोधित करते हुए म्यांमार से खदेड़े जा रहे और भारत में घुसपैठ कर रहे रोहिंग्या मुसलमानों को देश के लिए बड़ा खतरा बताया है। रोहिंग्या मुसलमानों के मसले पर भागवत ने कहा कि वे देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा बन सकते हैं और उनके बारे में कोई भी फैसला इस बात को ध्यान में रखकर लिया जाना चाहिए।

रोहिंग्या मुसलमानों का आतंकियों से संबंध
रोहिंग्या मुसलमानों का आतंकियों से संबंध होने की बात करते हुए भागवत ने कहा कि इन्हें देश में शरण देने से सुरक्षा संकट पैदा होगा और रोहिंग्या पर केंद्र सरकार का रुख सही है। वहीं भागवत ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की हालत में सुधार के लिए अगर कानून में बदलाव करना पड़े तो हमें यह कदम भी उठाना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि यहां तक कि जम्मू एवं कश्मीर में भी सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सुरक्षा बलों को अपनी जिम्मेदारी निभाने की अनुमति देकर घुसपैठ को उचित तरीके से जवाब दे रही है। कहा कि पिछले 70 सालों में पहली बार दुनिया का ध्यान भारत के ऊपर केंद्रित हुआ है, लेकिन विभिन्न प्रकार की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा अभी भी चिंता के विषय हैं।

भागवत ने गौरक्षकों का किया बचाव
मोहन भागवत ने संबोधन करते हुए गौरक्षा के नाम पर लोगों की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या किए जाने की हालिया घटनाओं पर गौरक्षकों का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि गौरक्षकों को हिंसक घटनाओं के साथ जोड़ना ठीक नहीं है। भागवत ने कहा कि गौरक्षकों और गोपालकों को चिन्तित या विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। चिंतित आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को होना चाहिए, गौरक्षकों को नहीं। उन्होंने साथ ही ऐलान किया कि गौरक्षा व गोसंवर्धन का वैध व पवित्र परोपकारी कार्य चलेगा और बढ़ेगा और यही इन परिस्थितियों का उत्तर भी होगा।

राष्ट्र-विरोधी और जिहादी ताकतों पर बोले भागवत
भागवत ने कहा, "कुछ राष्ट्र-विरोधी और जिहादी ताकतें सीमावर्ती राज्यों में अराजकता की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल और केरल की स्थितियां भी किसी से छिपी नहीं हैं। ऐसा मालूम पड़ता है कि अपने संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए वहां की सरकारें राष्ट्र-विरोधी ताकतों का समर्थन कर रही हैं।" कहा कि "अलगाववादी तत्वों के उकसावे की कार्रवाई, प्रचार और विनाशकारी गतिविधियों को उनके आर्थिक संसाधनों को रोक कर और उनके राष्ट्र-विरोधी ताकतों के साथ संबंधों को उजागर कर रोका जा रहा है।"

इस रैली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए। पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ और उत्तरी सीमा पर चीन के साथ विवाद में सरकार द्वारा उठाए गए कदम की सराहना करते हुए भागवत ने कहा कि डोकलाम मुद्दे से निपटने से भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति के मामले में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा है।

सर संघ संचालक ने कहा...

  • भाषण के आरंभ में मुंबई के एलफिस्टन रेल्वे स्टेशन पर हुए हादसे पर दुख जताया।
  • रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ पर कहा पहले देश हित है इसलिए मानवता के नाम पर हम अपनी मानवता को खो नहीं सकते हैं
  • केंद्र सरकार की खूब सराहना की।  समाज में चर्चा हो रही है,देश में काम हो रहा है।
  • भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिए सरकार के प्रयास काे और गति देने का आव्हान किया। जनधन समेत विविध योजनाओं पर कहा कि देश में कई योजना चल रही है। साहसिक फैसले लिये गए हैं। पर इनका आकलन करना होगा।
  • GDP अर्थात सकल घरेलू उत्पाद त्रुटिपूर्ण है। छोटे व मध्यम उद्योग व्यापार का ध्यान रखा जाना चाहिए। 
  • गौरक्षा की आड़ में हिंसा करनेवालों को कानून रोकेगा। गौरक्षक परेशान न हो। शब्द किसी पर चिपकाना,उसे बदनाम करना ठीक नहीं, विजिलांटे शब्द को गाली जैसा बना दिया गया और गाय के साथ चिपका दिया गया। 
  • किसानों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। कर्जमाफी सरकार की संवेदना को दर्शाती है। लेकिन प्रशासन को भी सही काम करना चाहिए। कर्जमाफी कृषि संकट का उपाय नहीं है।

Similar News