आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय बोले- संगठन को लचीला होना चाहिए, ढीला नहीं

आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय बोले- संगठन को लचीला होना चाहिए, ढीला नहीं

IANS News
Update: 2020-08-15 17:30 GMT
आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय बोले- संगठन को लचीला होना चाहिए, ढीला नहीं

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि किसी संगठन को लचीला होना चाहिए, लेकिन ढीला नहीं। हमारे लक्ष्य और सिद्धांत अपरिवर्तनीय होने चाहिए, बाकी समय और परिस्थितियों के अनुसार कार्य करने के तरीके में परिवर्तन हो सकता है।

आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भारतीय मजदूर संघ की ओर से दत्तोपंत ठेंगड़ी जन्मशताब्दी लेक्च र सीरीज के तहत शनिवार को आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, हमें नई चीजों को आत्मसात करने के लिए तैयार रहना चाहिए। विद्वान लोग हर परस्थिति का परीक्षण कर पता करते हैं कि कौन सी चीज स्वीकार्य हैं और कौन सी नहीं, फिर उसी अनुरूप निर्णय करते हैं।

कोरोना काल में बदलती परिस्थितियों के मुद्दे पर आयोजित इस चर्चा में आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों में से एक दत्तात्रेय होसबोले ने देश, काल और परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन के लिए सभी को तैयार रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे सामने संकट की भी स्थिति आ सकती है और अनुकूल समय भी आ सकता है। जैसे डिमोनेटाइजेशन (नोटबंदी) हुआ, उस समय तमाम लोग बैंक गए, वहीं कुछ लोगों ने इधर-उधर भी किए। कुछ लोग भूल भी गए, तो उनके पैसे नष्ट हो गए।

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में अपने को बदलने के लिए एक मानसिकता चाहिए। अपरिवर्तनीय हमारे लक्ष्य हैं। मनुष्य को, संगठन को लचीलापन होना चाहिए, लेकिन ढिलाई नहीं करनी चाहिए। आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि परिवर्तन का निर्णय स्वविवेक से लाना होगा। मूल सिद्धांत अपरिवर्तनीय हैं।

एनएनएम/जेएनएस

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