वेतन के लिए सांसदों का हंगामा देश के लिए काला दिन- वरुण गांधी

वेतन के लिए सांसदों का हंगामा देश के लिए काला दिन- वरुण गांधी

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-21 12:40 GMT
वेतन के लिए सांसदों का हंगामा देश के लिए काला दिन- वरुण गांधी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। भाजपा सांसद व युवा नेता वरुण गांधी ने कहा है कि वेतन के लिए सांसदों का हंगामा देश के लिए काले दिन से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि सांसदों को जनकल्याण के कार्य में अधिक ध्यान देना चाहिए। श्री गांधी के अनुसार संसद में 200 सांसद 20 करोड़ से अधिक संपति के मालिक हैं। लिहाजा उन सांसदों को सरकार की ओर से मिलनेवाले मानधन को समाज के लिए दान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसद मानधन के दान के संबंध में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया था। 9 वर्ष में उन्होंने एक रुपये भी मानधन नहीं लिया है। हद है कि सांसदों के मानधन को लेकर कोई विरोध होता ही नहीं है। शनिवार को युवा मुक्ति अभियान की आेर से देशपांडे सभागृह में युवा परिषद का आयाेजन किया गया। इसी दौरान राजनीतिक व्यवस्था में सुधार को लेकर  गांधी युवाओं से संवाद साध रहे थे।

राजनीतिक व्यवस्था ठीक नहीं
उन्होंने कहा कि बटन दबाओ,जनप्रतिनिधि चुनकर दो और पांच वर्ष तक उनके गुलाम बने रहो,यह राजनीतिक व्यवस्था ठीक नहीं है। कोई भी जनप्रतिनिधि शत प्रतिशत जनता का मत पाकर चुनाव नहीं जीतता है। मतदान में कुछ प्रतिशत मत उन्हें अधिक मिल जाता है लेकिन चुनाव में पराजित होनेवाले विशेषज्ञ व प्रतिभावान विपक्षी प्रतिनिधि का भी सम्मान होना चाहिए। यह भी विचार किया जाना चाहिए कि विपक्ष में कोई जनप्रतिनिधि किसी क्षेत्र में विशेष योग्यता रखता है तो उसे मंत्री पद दिया जा सकता है क्या। श्री गांधी ने कहा कि वे राजनीतिक बदलाव के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं। उम्मीद करते हैं कि भविष्य में राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव होगा। राजनीति को युद्ध का मैदान या लड़ाई मान लेना ठीक नहीं है वह तो समाज व राष्ट सेवा का माध्यम है।

महिलाओं को नहीं मिल रहा अपेक्षित लाभ
राष्ट्रसेवा के लिए राजनीति का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए। महिलाओं के विकास पर बल देते हुए कहा कि आरक्षण का अपेक्षित लाभ महिलाओं को नहीं मिल पाया है। महिला समाज विकास के कार्यों को गति देने की आवश्यकता है। राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। युवा वर्ग के सामने फिलहाल रुपयों का विषय बड़ा है। रुपये कमाने के साथ ही आसपास के लोगों के दुख दर्द को दूर करने में सहभागी बनकर ही राष्ट्र निर्माण किया जा सकता है। मंच पर आंबेडकरवादी विचारक अशोक भारती, राजकुमार तिरपुडे, प्रा.केशव वालके उपस्थित थे। महेश पवार, मारोती चवरे, संजीवनी ठाकरे, प्रशांत डेकाटे, श्रीकांत भोवते, गौरव टावरी का युवा कृतज्ञता सम्मान पुरस्कार देकर गौरवान्वित किया गया। नितीन चौधरी ने आभार माना। 


   

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