ताजमहल के बदलते रंग पर सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की चिंता

ताजमहल के बदलते रंग पर सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की चिंता

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-01 13:00 GMT
ताजमहल के बदलते रंग पर सुप्रीम कोर्ट ने जाहिर की चिंता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपनी खूबसूरती और शानदार कारीगरी के लिए विश्वभर में जाना जाने वाला ताज महल लगातार अपनी चमक खोता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके बार-बार बदलते रंग पर अपनी चिंता जाहिर की है। बढ़ते प्रदूषण के कारण इस ऐतिहासिक इमारत के रंग में पीलापन आ गया था, लेकिन हाल ही में जारी तस्वीर में इसका रंग हल्का भूरा और हरा होता देखा गया।

यह तस्वीरें पर्यवारणविद महेश चन्द्र मेहता द्वारा पेश की गई थी। इस तरह इसके बदलते हुए रंग को देखते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र को इस पर ध्यान देने के लिए कहा है। कोर्ट ने केन्द्र को फटकारते हुए कहा कि "इस इमारत की आपको शायद जरा भी चिंता नहीं है, पता नहीं आपके पास इसकी विशेषज्ञता है या नहीं, अगर है तो भी आप इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।"

तस्वीरें देख पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएनएस नाडकर्णी से इस बारे जब सवाल किया तो उन्होंने कहा कि, "इसके रखरखाव की जिम्मेदारी प्रबंधन पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की होती है।"

अदालत ने दिया सुझाव
प्रदूषण के कारण अपनी खूबसूरती खोते ताज महल की सुरक्षा के लिए न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता ने सरकार को सुझाव दिया है। उन्होंने अपने सुझाव में केन्द्र को विदेशी और भारतीय विशेषज्ञों की मदद लेने की राय दी। न्यायमूर्तियों ने आगे कहा कि विशेषज्ञों की सहायता से नुकसान का पता लगाएं और फिर जरूरी कदम उठाए जाएं। अदालत द्वारा इस मामले की सुनवाई 9 मई को की जाएगी।

बता दें कि महेश चन्द्र मेहता द्वारा तेल शोधक संयंत्र के धुएं के कारण ताज महल की बिगड़ती सेहत और इसके रखरखाव के लिए अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

 

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