शरद पवार बोले- बोफोर्स जैसे पुराने मामले की फाइलें खुलवाना गलत 

शरद पवार बोले- बोफोर्स जैसे पुराने मामले की फाइलें खुलवाना गलत 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-17 17:51 GMT
शरद पवार बोले- बोफोर्स जैसे पुराने मामले की फाइलें खुलवाना गलत 

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार को बोफोर्स जैसा पुराना मामला नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को कोर्ट ने बहुत पहले ही बरी कर दिया है। वे अब जीवित भी नहीं हैं, और न ही वह इतालवी शख्स जिंदा है, जो कथित तौर पर इस मामले में बतौर दलाल शामिल था। इसके बावजूद केंद्र का कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करके इस केस को दोबारा खुलवाना गलत है।

राकांपा प्रमुख ने कहा कि इससे साफ स्पष्ट है कि सीबीआई सरकार के इशारे पर काम कर रही है। पवार शुक्रवार को राकांपा जिला कार्यालय  में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। पवार ने देश की आर्थिक स्थिति को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कहा कि देश की वित्तीय हालत जर्जर हो चुकी है। किसान, व्यापारी, उद्योगपति सब परेशान हैं। कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। संवाददाता सम्मेलन में राकांपा के पूर्व मंत्री, विधायक, आदि उपस्थित थे।

कीटनाशकों से मौत मामले की हो गहराई से जांच 
पवार ने कहा कि कीटनाशकों से किसानों और मजदूरों की मौत बेहद गंभीर मामला है। इसकी गहराई से जांच करने की जरूरत है, क्योंकि बीटी बीज व कीटकनाशकों को सरकार ने मंजूरी दी थी। लिहाजा किसानों को होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी भी सरकार की है। उन्होंने कहा कि कोई भी बीज या कीटकनाशक को मंजूरी देने से पहले उनका कई बार परीक्षण किया जाता है। लिहाजा उन्होंने मौजूदा बीटी बीज का परीक्षण करने वालों की जांच की भी मांग की। पवार के मुताबिक यदि बीजों को परीक्षण ठीक ढंग से होता तो किसानों की मौत नहीं होती व कपास पर इल्लियों का प्रकोप भी इतना ज्यदा नहीं होता।

बीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं वैज्ञानिक 
उन्होंने कहा कि बीटी कपास की मंजूरी उन्हीं के कार्यकाल में दी गई थी। लेकिन उस समय इस कपास के बीज में रोग प्रतिरोधक क्षमता थी, पर अब यह खत्म हो चुकी है। इसलिए कृषि वैज्ञानिकों को चाहिए कि वे नए बीज विकसित करें या मौजूदा बीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बीटी बीज पर पाबंदी लगाना कोई विकल्प नहीं है।

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