शरजील इमाम को पटना से दिल्ली लाया जा रहा, पुलिस ने एयरपोर्ट पर मीडिया से की बदसलूकी

शरजील इमाम को पटना से दिल्ली लाया जा रहा, पुलिस ने एयरपोर्ट पर मीडिया से की बदसलूकी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-29 05:23 GMT
शरजील इमाम को पटना से दिल्ली लाया जा रहा, पुलिस ने एयरपोर्ट पर मीडिया से की बदसलूकी
हाईलाइट
  • JNU) के छात्र शारजील इमाम को दिल्ली लाया जा रहा
  • आईपीसी की धारा 124 ए
  • 153 ए और 505 के तहत मामला दर्ज
  • शरजील के भड़काऊ भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

पटना, एएनआई। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र शारजील इमाम को दिल्ली लाया जा रहा है। आज सुबह पुलिस उसे लेकर पटना एयरपोर्ट पहुंची जहां से उसे दिल्ली लाया जा रहा है। शरजील पर भड़काऊ भाषण देने के चलते देशद्रोह का आरोप है। मंगलावर को शरजील को उसके बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया है। इस बीच, पटना हवाई अड्डे के बाहर शरजील इमाम को दिल्ली ले जाने के कवायद को कवर करने पहुंचे पत्रकारों संग पुलिस ने झड़प की। मंगलवार को बिहार के जहानाबाद क्षेत्र से दिल्ली पुलिस की एक टीम ने इसे गिरफ्तार था, इमाम को आज दिल्ली वापस लाया जाएगा। कल जहानाबाद की अदालत ने उसका ट्रांजिट रिमांड दिल्ली पुलिस को दे दी थी।

दिल्ली पुलिस के डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश देव ने अदालत के आदेश के बाद कहा, "हम बिहार से ट्रांजिट रिमांड ले रहे हैं और उसे जल्द से जल्द दिल्ली लाने की कोशिश कर रहे हैं।" शरजील ने अपने भाषण में असम को भारत से काटने की बात कही थी।

जहानाबाद पुलिस ने शारजील के छोटे भाई मुज़म्मिल इमाम को भी मंगलवार तड़के हिरासत में लिया था। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को शारजील को उसके विवादास्पद भाषण के लिए देशद्रोह का मुकदमा दायर किया था।

उसपर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए, 153 ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा शरजील के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 16 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) के विरोध में दिए गए उसके विवादास्पद भाषण के लिए भी एक मामला दर्ज किया गया है।

बता दें कि शरजील के भड़काऊ भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह यह कहते हुए सुना गया है, "यदि हम सभी एक साथ आते हैं, तो हम पूर्वोत्तर को भारत से अलग कर सकते हैं। यदि हम इसे स्थायी रूप से नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम एक से दो महीने के लिए कर सकते हैं।" उसने कहा था, "भारत से असम को काटना हमारी ज़िम्मेदारी है। जब ऐसा होगा, तभी सरकार हमारी बात सुनेगी।" 

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