'सत्ता और विपक्ष की जगह दोनो का सुख भोगना चाहती है शिवसेना'

'सत्ता और विपक्ष की जगह दोनो का सुख भोगना चाहती है शिवसेना'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-31 17:45 GMT
'सत्ता और विपक्ष की जगह दोनो का सुख भोगना चाहती है शिवसेना'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बीजेपी सरकार के 3 साल पूरे होने पर जहां सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सहयोगी दल शिवसेना पर निशाना साधा। मंगलवार को सीएम ने कहा कि शिवसेना के कुछ नेताओं को सरकार के हर फैसले की आलोचना करने की आदत लग गई है। उन्हें लगता है कि सत्ता में रहकर सरकार का फायदा मिलेगा और विरोध करने से विपक्ष की जगह हमें ही मिले जाएगी। इसलिए ये नेता सभी फैसलों का विरोध करते हैं। इस बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना की संपादकीय के माध्यम से कहा है कि साथ ठीक लगे तो देख लो, नहीं तो छोड़ दो। सीएम यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कैबिनेट में शिवसेना के मंत्री जिन फैसलों पर सहमति जताते हैं, बाहर उनकी पार्टी के नेता उसी का विरोध करते हैं। लेकिन जनता को इस तरह की भूमिका पसंद नहीं आती। सत्ता में रहकर आप सरकार पर अकुंश रख सकते हैं, लेकिन इस तरह से विरोध ठीक नहीं है। इससे सरकार के काम की औसत रफ्तार में असर तो पड़ता ही है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में सीएम ने कहा कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनका संवाद बेहतर है। सीएम ने कहा कि "मुझसे शिवसेना के मंत्री और नेता हर दिन मिलते हैं। इसलिए सभी विषयों पर उद्धव से चर्चा करने की जरूरत नहीं पड़ती।" सीएम ने कहा कि मैंने किसी को कपटी मित्र नहीं कहा है। 

फेरीवालों पर हमला राजनीतिक बदमाशी

इस बीच मुंबई के फेरीवालों से मारपीट की घटना पर सीएम ने कहा कि इस मामले में मराठी और गैर मराठी के नाम पर भेद पैदा करना राजनीतिक बदमाशी है। यदि कोई डंडे लेकर अकेले मारपीट करने जाएगा तो फेरीवाले भी अपने बचाव में उसको मारेंगे ही। मनसे के पदाधिकारी से मारपीट हुई यदि कोई हिन्दीभाषी भी इस तरह किसी को मारने गया होता तो वह भी मार ही खाता। 

शिवसेना का तंज

दूसरी ओर शिवसेना ने भी पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए सीएम पर बड़ा हमला बोला है। शिवसेना ने कहा कि सीएम सरकार के तीन साल पूरे होने पर बड़े-बड़े साक्षात्कार दे रहे हैं। सीएम सरकार की नीतियों और भविष्य की योजनाओं की बजाय शिवसेना पर तंज कस कर धमकी दे रहे हैं। पार्टी ने कहा कि हम सीएम को शुभकामनाएं दे रहे हैं। ठीक लगे तो देखो, नहीं तो छोड़ दो। समझने वालों को इशारा काफी है। शिवसेना ने कहा है कि सीएम अपने इंटरब्यू में शिवसेना पर राज्य के विकास में रोड़ा अटकाने का आरोप लगा रहे हैं। सीएम को ऐसे लोगों की परछाई से भी दूर रहना चाहिए, जो विकास में रोड़े अटका रहा है।

खडसे का दर्द छलका

उधर धुले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे का दर्द छलक आया। खडसे ने कहा है कि जिन लोगों ने बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए मेहनत की, उन्हें ही सत्ता से दूर रखा गया और नारायण राणे जैसे लोग पार्टी के अंदर हैं। उत्तर महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले खडसे ने पुणे भूमि सौदा मामले में घपले के आरोपों के बाद पिछले वर्ष जून में फडणवीस कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के तत्काल बाद राज्य सरकार ने न्यायिक जांच शुरु कराई थी। खडसे बुक रिलीज कार्यक्रम में बोल रहे थे। जिसमें बीजेपी के उपाध्यक्ष श्याम जाजू मौजूद थे। जाजू ने आपातकाल पर मराठी में लिखी पुस्तक का विमोचन किया। 

एनसीपी नेताओं की जांच में ढिलाई नहीं

राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार से बार-बार मुलाकात पर सीएम ने कहा कि एनसीपी में अंतिम फैसले लेने का अधिकार पवार को ही है। इसलिए विभिन्न विषयों पर उनसे चर्चा करनी पड़ती है। लेकिन सरकार ने एनसीपी के नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में कोई ढिलाई नहीं बरती है। भ्रष्टाचार से जुड़ी विदर्भ की परियोजना के मामले में चार्जशीट के स्तर पर पहुंच गए हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राष्ट्रवादी को लेकर नरमी नहीं बरतेंगे। इससे पहले सीएम ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हमने सभी फैसले आम सहमति से लिए हैं। केवल जनता द्वारा सरपंच के चुनाव के फैसले पर शिवसेना के मंत्री सहमत नहीं थे, इस लिए यह निर्णय मंत्रिमंडल के बहुमत से लिया गया। 

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