राष्ट्रपति चुनाव : शिवसेना का समर्थन, नीतीश भी तैयार

राष्ट्रपति चुनाव : शिवसेना का समर्थन, नीतीश भी तैयार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-20 10:21 GMT
राष्ट्रपति चुनाव : शिवसेना का समर्थन, नीतीश भी तैयार

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. शिवसेना ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह ऐलान आज मंगलवार शाम को किया. उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोविंद एक बेहतर इंसान है और उनकी उम्मीदवारी का शिवसेना समर्थन करेगी. हालांकि शिवसेना ने अब तक यह साफ़ नहीं किया है कि इस समर्थन के लिए उसे क्या मिला है, क्योंकि इससे पहले पार्टीं ने अपना रुख साफ़ करते हुए कहा था कि वह 'फ्री' में कोविंद को समर्थन नहीं देने वाली है. शिवसेना की मंशा महाराष्ट्र सरकार में बड़े और मलाईदार विभाग हैं. उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दे सकते हैं. बिहार में अपने सहयोगी दलों (कांग्रेस और राजद) की राह से उलट जदयू प्रमुख राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के पाले में शामिल हो सकते हैं.

नीतीश कुमार की रामनाथ कोविंद से सोमवार की मुलाकात के बाद इन बातों की चर्चा जोरों पर है कि वे भी इस मुद्दे पर एनडीए के साथ हैं. सोमवार शाम को मुख्यमंत्री ने पटना स्थित गवर्नर हाउस जाकर रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और नामांकन पर उन्हें बधाई दी. मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि उनकी पार्टी गुरुवार की बैठक में अपना रुख साफ करेगी. हालांकि नीतीश के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे. दलितों के कल्याण के लिए काम करने वाली बीजेपी की इकाई के साथ जुड़े रह चुके रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी का विरोध करने का कोई आधार नहीं है.

गौरतलब है कि बीजेपी ने सोमवार को संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया था. इस ऐलान के तुरंत बाद टीआरएस ने एनडीए को अपना समर्थन दे दिया था. मुलायम सिंह पहले ही मोदी को समर्थन देने की बात कह चुके हैं और शिवसेना ने भी समर्थन की घोषणा कर दी है. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि वह कोविंद की उम्मीदवारी का विरोध तब तक नहीं करेंगी, जब तक विपक्ष किसी दलित को ही प्रत्याशी के रूप में नहीं उतार देता. ऐसे में रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने की अड़चनें दूर होती जा रही है. उधर कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल 22 जून को इस मुद्दे पर बैठक करेंगे. विपक्षी नेताओं के बयान से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि विपक्ष एनडीए प्रत्याशी के विरोध में अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है.

क्या चाहती है शिवसेना 

शिवसेना के पास महाराष्ट्र सरकार में फिलहाल 5 कैबिनेट विभाग हैं, जिनमें पर्यावरण, उद्योग, स्वास्थ्य, परिवहन और विभाजित लोकनिर्माण विभाग हैं, लेकिन उनकी नजर राजस्व और गृह विभागों पर टिकी है. साथ ही विधानसभा का उपाध्यक्ष पद खाली है. उद्धव ने आज अपने पत्ते खोलते हुए जब NDA समर्थित उम्मीदवार पर अपनी मुहर लगाई तो इससे साफ हो गया कि अंदरखाने पार्टी को कुछ लाभ मिलने की शर्तें मान ली गई हैं. हालांकि अभी इसकी कोई अधिकृत पुष्टि नहीं हुई है.

शिवसेना समर्थन से मजबूती, अभी भी विरोध में विपक्ष 

NDA को अपना राष्ट्रपति बनाने के लिए संख्याबल के हिसाब से शिवसेना का समर्थन जरूरी था. NDA पहले ही 20,000 मतों से पीछे है. ऐसे में भाजपा, तमिलनाडु और ओडिशा से मतों पर निर्भर है. तमिलनाडु से AIADMK और ओडिशा से BJD ने समर्थन का एलान किया है. जदयू भी लगभग समर्थन करेगी. उधर विपक्ष NDA के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के नाम पर पहले से ही बंटा हुआ है. कांग्रेस, लेफ्ट, तृणमूल के कोविंद के नाम पर राज़ी होने की संभावना बेहद कम है, जबकि बीजेडी, टीआरएस जैसे कई विपक्षी दलों ने एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया है.

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