शिवपाल की जनआक्रोश रैली में सपा का नाम लेने पर मुलायम की हूटिंग

शिवपाल की जनआक्रोश रैली में सपा का नाम लेने पर मुलायम की हूटिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-09 12:33 GMT
शिवपाल की जनआक्रोश रैली में सपा का नाम लेने पर मुलायम की हूटिंग
हाईलाइट
  • इस रैली में शिवपाल ने मुलायम सिंह यादव को भी बुलाया था।
  • प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने लखनऊ में जनआक्रोश रैली आयोजित की।
  • मुलायम वहां मौजूद प्रसपा के कार्यकर्ताओं पर भड़क गए और उन्हें भागने को कहा।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के भाई और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने लखनऊ में जनआक्रोश रैली आयोजित की। इस रैली में शिवपाल ने मुलायम सिंह यादव को भी बुलाया था। इस दौरान मुलायम वहां मौजूद प्रसपा के कार्यकर्ताओं पर भड़क गए और उन्हें वहां से भागने को भी कहा। जबकि भाई शिवपाल ने मामले को संभालते हुए मुलायम को शांत करवाया। वहीं शिवपाल ने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर नहीं बननी चाहिए। इस रैली में मुलायम की छोटी बहु अपर्णा यादव भी मौजूद थीं। बता दें कि हाल ही में शिवपाल ने सपा से हटकर एक नई पार्टी "प्रगतिशील समाजवादी पार्टी" का गठन किया था। 

दरअसल मुलायम रैली को संबोधित करते हुए शिवपाल की पार्टी का नाम दो बार समाजवादी पार्टी बोल दिया। इसके बाद वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुलायम को टोक दिया और हूटिंग करने लगे। इससे मुलायम सिंह भड़क गए और उन्होंने कहा कि जिसे नहीं सुनना है वह यहां से भाग जाए। मुलायम ने नाराज होते हुए कहा, "जो हमारी बात नहीं सुनना चाहते, वह कभी नेता नहीं बन सकते। अगर आप मेरी बात सुनना ही नहीं चाहते, तो बस एक ही बात कह कर जा रहा हूं, शिवपाल मेरा भाई है और उन्हें मेरी तरफ से शुभकामनाएं। इस बार चुनाव में सपा को जिताना है, और शिवपाल को मजबूत बनाना है।"

मामले की गंभीरता को देखते हुए शिवपाल ने मोर्चा संभाला और भाई मुलायम से एक बार प्रगतिशील पार्टी का नाम लेने को कहा। इसपर मुलायम ने कहा कि हां सब एक ही है। हालांकि कार्यकर्ताओं ने हूटिंग जारी रखी और मुलायम को प्रसपा का नाम लेना ही पड़ा। वहीं शिवपाल ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक दिन है। हमारे साथ सभी छोटे दल खड़े हैं। हमारे साथ किसान खड़े हैं। नेताजी (मुलायम) भी हमारे साथ बैठे हैं। नेताजी मेरा साथ 40 साल से निभा रहे हैं। हम कभी अलग नहीं होना चाहते थे। नेताजी ने जो आदेश दिया, उसका पालन किया। मुझे नहीं पता था यह नौबत भी आएगी। पार्टी न टूटे इसका प्रयास मैंने और नेताजी ने साथ किया, लेकिन सपा के चापलूसों और चाटुकारों की वजह से हमें अलग होना पड़ा। मैं कहना चाहूंगा कि नेताजी मैंने प्रसपा आपसे पूछ कर बनाई, आपसे इजाजत ली। इसलिए यहां के लोग चाहते हैं कि आप मेरे सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दें।"

शिवपाल ने राम मंदिर पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, "किसी भी हालत में बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर नहीं बनना चाहिए। राम मंदिर बनाना ही है, तो सरयू के किनारे बनाओ, लेकिन मस्जिद के स्थान पर नहीं। देश की जनता बीजेपी से आक्रोशित है। साम्प्रदायिक शक्तियां आवाज उठा रही हैं। ऐसे में मुझे अपनी आवाज को और बुलंद करना होगा। यह रैली इसलिए ही बुलाई गई है। यह रैली फैसला लेने और परिवर्तन के लिए है। हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 56 इंच का सीना है। बीते चार सालों में उसे 4-5 और बढ़ा लिया होगा। मगर हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, लेकिन हम एक इंच भी जमीन नहीं ले पाए।" वहीं मुलायम की छोटी बहु अपर्णा यादव ने कहा कि परिवर्तन की लड़ाई में वह चाचा शिवपाल के साथ खड़ी हैं। 

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