सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में फिर बयान से पलटे दो गवाह

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में फिर बयान से पलटे दो गवाह

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-04 05:24 GMT
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में फिर बयान से पलटे दो गवाह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी एनकाउंटर मामले में मुंबई की अदालत में सुनवाई के दौरान दो और गवाहों मुकर गए। इस तरह इस केस में मुकर जाने वाले गवाहों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है। अभियोजन पक्ष के दो गवाहों मोहम्मद नईमुद्दीन और शिल्पन सिंह से सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश एस जे शर्मा के समक्ष जिरह की। अदालत के सामने नईमुद्दीन और शिल्पन अपने पहले के दिए बयानों से मुकर गए। इस मामले में अब तक 65 गवाहों से जिरह की जा चुकी है।  

 

शिल्पन ने कहा वह मौजूद ही नहीं थे

बता दें कि मोहम्मद नइमुद्दी हैदराबाद में एक निजी बस सेवा का कर्मचारी था। नैमुद्दीन ने दावा किया था 22 नवंबर, 2005 की सुबह हैदराबाद से एक महिला सहित पांच यात्री उसकी बस में बैठे थे। सोहराबुद्दीन शेख भी बस में ही बैठा था, जिसे गुजरात पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद उनके एनकाउंटर की खबर आई। सीबीआई को दिए गए अपने बयान में शिल्प सिंह ने कहा कि जब आरोपी के हस्ताक्षर हुए तो वो वहीं मौजूद थे, लेकिन बुधवार को शिल्पन सिंह ने कहा कि वो वहां मौजूद ही नहीं थे।

 

नईमुद्दीन बोला मैं टिकट बुकिंग कर रहा था

 

मुंबई की एक अदालत ने 26 नवंबर, 2005 को गांधीनगर के पास हुए कथित एनकाउंटर के संबंध में भारतीय दंड संहिता के तहत पुलिस अधिकारियों सहित, 22 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या, अपहरण और सबूतों को नष्ट करने के लिए आरोप लगाए थे। कोर्ट में नईमुद्दीन ने अपना बयान बजलते हुए कहा कि वह घटना के दौरान यात्रियों की टिकट बुकिंग में लगे हुए थे, वहीं दूसरे गवाह शिल्पन सिंह का कहना है कि उन्होंने सोहराबुद्दीन को नहीं देखा था।

 

                      





अदालत में साबित नहीं हो पाया मामला

महाराष्ट्र में सांगली जाने के रास्ते पर हैदराबाद पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा कथित तौर पर आतंकियों के साथ कथित गैंगस्टर शेख और उनकी पत्नी कौसर बी को कथित रूप से किडनैप कर लिया गया था। लेकिन इस केस में अभी तक यह साबित नहीं हो पाया है कि दोनों की हत्या हुई। 

 

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