SSC ने पेपर लीक मामले में की CBI जांच की सिफारिश
SSC ने पेपर लीक मामले में की CBI जांच की सिफारिश
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) के कथित पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई कर सकती है। कमीशन ने छात्रों के लगातार प्रदर्शन के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला लिया है। एसएससी प्रमुख असीम खुराना से रविवार को छात्रों का प्रतिनिधिमंडल मिला था, जिसके बाद ये फैसला लिया गया। बता दें कि 17 से 22 फरवरी तक एसएससी सीजीएल टियर 2 के पेपर आयोजित किए गए थे। इन पेपर्स की आनसर की सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
राजनाथ सिंह से मुलाकात
असीम खुराना ने अपने बयान में कहा, आयोग ने 21 फरवरी को हुई परीक्षा के क्योश्चन पेपर-1 के होने से जुड़े आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से करने पर सहमति जताई है। इससे पहले बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और एसएससी अभ्यर्थियों की चिंताओं के बारे में उनको जानकारी दी। सैकड़ों छात्र एसएससी कार्यालय के बाहर 27 फरवरी से प्रदर्शन कर रहे हैं।
मनोज तिवारी ने कहा कि गृहमंत्री ने पूरी बात को ध्यान से सुना हैं और इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया हैं। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स से मुलाकात करते हुए कहा था कि यह स्टूडेंट्स का भविष्य का सवाल है और सरकार को उनकी मांग को सुनना चाहिए।
छात्रों को मिला अन्ना हजारे का साथ
वहीं रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंचे और विरोध प्रदर्शन में शामिल एसएससी छात्रों से मुलाकात की। उनके सहयोगी दिनेश नैन ने बताया कि अन्ना ने इस मामले की सीबीआई जांच की छात्रों की मांग का समर्थन किया। उनके मुताबिक हजारे ने कहा कि छात्रों का प्रदर्शन जायज है और इसे शांतिपूर्ण ढंग से जारी रखना चाहिए। हजारे ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला है। अगर प्रथम और द्वितीय समूह के अधिकारियों का इस तरह से चयन किया जाएगा तो प्रशासन की पीड़ा के बारे में कल्पना ही की जा सकती है।’’
क्या है छात्रों का आरोप?
एक छात्र ने बताया कि कर्मचारी चयन आयोग ने 17 से 22 फरवरी 2018 को सीजीएल टियर 2 की परीक्षा ऑनलाइन आयोजित कराई थी। इस एंट्रेंस एग्जाम में जो प्रश्न पत्र हमें मिला था, वो सोशल मीडिया पर शेयर हो चुका था। जिस एग्जाम में आप बाहर से एक कलम तक नहीं ले जा सकते हैं, जहां लड़कियों को कान की बाली तक उतार देनी होती है, वहां एग्जाम दे रहे एक स्टूडेंट के कंप्यूटर का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है।
छात्रों का विरोध कमजोर करने की कोशिश
बता दें कि पूरे देश के लगभग एक लाख 89 हजार परीक्षार्थियों ने 9,372 पदों के लिए इस परीक्षा में हिस्सा लिया था। इस परीक्षा में वही कैंडिडेट शामिल हुए थे, जो अगस्त 2017 में टियर 1 की परीक्षा में शामिल हुए थे। टियर 2 की ये परीक्षा पहले 27 नवंबर को होनी थी, लेकिन कुछ कारणों से यह परीक्षा टलती चली गई और जब हुई, तो प्रश्न पत्र ही लीक हो गया। एसएससी के मुताबिक, अगर कोई गड़बड़ी हुई है, तो खुद छात्र साबित करें। इसके बाद मामले में जांच कराने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग से सलाह ली जा रही है। छात्रों का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज दबाना चाहती है। मेट्रो स्टेशन इसलिए बंद किया गया है, ताकि छात्रों को यहां आने से रोका जा सके, जिससे उनका विरोध कमजोर पड़ जाए।