सिर्फ पटाखों पर बैन क्यों, ऑटोमोबाइल्स से होता है ज्यादा प्रदूषण: SC

सिर्फ पटाखों पर बैन क्यों, ऑटोमोबाइल्स से होता है ज्यादा प्रदूषण: SC

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-12 10:07 GMT
सिर्फ पटाखों पर बैन क्यों, ऑटोमोबाइल्स से होता है ज्यादा प्रदूषण: SC

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने पटाखों से होने वाले प्रदूषण संबंधी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि, सिर्फ पटाखों पर बैन क्यों। ऑटोमोबाइल्स से कहीं अधिक प्रदूषण होता है। कोर्ट ने कहा, पटाखे ही प्रदूषण का एकमात्र कारण नहीं हैं। पटाखों से ज्यादा गाड़ियों और ऑटोमोबाइल्स से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को पटाखे और ऑटोमोबाइल्स से प्रदूषण पर तुलनात्मक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी। 
 

 

दरअसल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के बैन को लेकर अहम टिप्पणी करते हुए कहा, सिर्फ पटाखों से ही वातावरण प्रदूषित नहीं होता है। ऑटोमोबाइल्स से कहीं अधिक प्रदूषण होता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि, वह पटाखों और ऑटोमोबाइल्स द्वारा होने वाले प्रदूषण पर एक तुलनात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लोग सिर्फ पटाखों पर ही प्रतिबंध की मांग क्यों करते हैं, जबकि साफ महसूस किया जा सकता है कि ऑटोमोबाइल्स कहीं अधिक प्रदूषण करते हैं। 
 


केंद्र सरकार ने कहा कि पटाखों के निर्माण में बेरियम का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया जा चुका है। ग्रीन पटाखों का फार्म्युला अभी फाइनल किया जाना बाकी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि, बेरोजगार हुए कर्मचारियों का क्या हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि, वह पटाखों और ऑटोमोबाइल्स द्वारा होने वाले प्रदूषण पर एक तुलनात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। रिपोर्ट में इस पर भी विचार किया जाए कि लोग ऑटोमोबाइल्स से प्रदूषण जानते हुए भी क्यों पटाखों पर बैन की मांग करते हैं, जबकि ऑटोमोबाइल ज्यादा प्रदूषण फैलाता है। 

दिवाली के समय पटाखों पर बैन नहीं SC ने लगाए थे कुछ प्रतिबंध
आपको बता दें कि पटाखों पर पिछले साल दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से बैन लगाने से इनकार करते हुए सिर्फ कुछ प्रतिबंध लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने आदेश में कहा था, पटाखों को केवल लाइसेंस पाए ट्रेडर्स ही बेच सकते हैं। गौरतलब है कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी। उस समय भी पटाखों पर लगे प्रतिबंधों के मामले पर काफी बवाल हुआ था। 

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