Nirbhaya Case: मुकेश को फांसी होना तय, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

Nirbhaya Case: मुकेश को फांसी होना तय, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-29 06:10 GMT
हाईलाइट
  • राष्ट्रपति का पद बहुत बड़ा और जिम्मेदारी का है- सुप्रीम कोर्ट
  • राष्ट्रपति ने सोच विचार कर फैसला लिया है- सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में गुनहगार मुकेश कुमार फांसी होना पक्का हो गया है। आज(बुधवार) सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश की याचिका पर अपना आदेश सुना दिया है। जिसमें उसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उसकी दया याचिका को खारिज करने की चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है। अब मुकेश के पास फांसी से बचने का कोई कानूनी विकल्प नहीं है। 

सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने सरकार की तरफ से दी गई फाइल देखी। सभी जजमेंट और रिकॉर्ड राष्ट्रपति को सौंपे गए थे। राष्ट्रपति ने सभी जरूरी दस्तावेज देखकर फैसला लिया है। बेंच ने कहा, राष्ट्रपति का पद बड़ा और जिम्मेदारी का है। उन्होंने सोच विचार कर ही फैसला लिया है।

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निर्भया के पिता ने कहा कि कल जो वकील बहस कर रहे थे वो हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज हैं। वे वोग बहुत नीच प्रकृति है। महिलाओं के साथ शोषण ऐसे लोगों के कारण हो रहा है। बाहर की कुछ एनजीओ और संस्थाएं इन्हें पैसा देकर काम करवा रही हैं। ये उनका मोहरा हैं। 

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सुप्रीम कोर्ट ने चारों आरोपियों की याचिका खारीज कर दिया है। गुनहगारों को एक फरवरी सुबह 6 बजे फांसी होगी। गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को छह आरोपियों ने 23 साल की युवती के साथ चलती बस में दुष्कर्म और पिटाई की थी। बाद में इलाज के दौरान युवती ने दम तोड़ दिया था। सभी छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों में से एक नाबालिग था। वहीं एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। 

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