तंबाकू प्रोडक्ट पर 85% वैधानिक चेतावनी छापना अनिवार्य : SC

तंबाकू प्रोडक्ट पर 85% वैधानिक चेतावनी छापना अनिवार्य : SC

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-09 02:36 GMT

डिजिटल डेस्क,दिल्ली। सिगरेट सहित तंबाकू उत्पादों पर 85 प्रतिशत हिस्से पर सचित्र वैधानिक चेतावनी छापना होगी। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख साफ कर दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने तम्बाकू उत्पादों पर 85 फीसदी हिस्से में सचित्र चेतावनी छापने के नियम को रद्द करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि आम जनों का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

                                            

गौरतलब है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर करीब एक घंटा सुनवाई चली। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने भारतीय तम्बाकू संस्थान की ओर से पेश किए गए रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। बेंच केआदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सिगरेट और तंबाकू के पैकटों पर 85 प्रतिशत हिस्से में वैधानिक चेतावनी देने वाले नियम को 40 फीसदी कर दिया था। बता दें कि  भारतीय तम्बाकू संस्थान ने रिपोर्ट में कहा था कि उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतरिम रोक लगाए जाने से तम्बाकू उत्पादकों के व्यापार करने के मौलिक अधिकार का हनन होगा।

                                         

 

12 मार्च को अगली सुनवाई

अब इस मामले की सुनवाई 12 मार्च को होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि सिगरेट की वजह से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, कैंसर और दिल की बीमारियां होती हैं। इसलिए सिगरेट और तंबाकू के पैकटों पर 85 प्रतिशत हिस्से में वैधानिक चेतावनी देने का नियम सही है। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली करीब एक दर्जन से अधिक याचिकाओं को कर्नाटक उच्च न्यायालय को स्थानांतरिक करते हुए उस पर फैसला करने के लिए कहा था।
                                         



तम्बाकू उत्पादक कंपनियों की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील पेश की। सिब्बल ने कहा कि 85 फीसदी वैधानिक चेतावनी वाला नियम लगाते समय कोई मेडिकल स्टडी नहीं की गई है। इसके बावजूद केंद्र सरकार को लगता है कि ये स्वास्थ्य के लिए इतना ही हानिकारक है तो इस पर रोक क्यों नहीं लगा देती है। कंपनियों का कहना है कि कुछ देशों में तंबाकू प्रोडक्ट के पैकेटों पर सिर्फ शाब्दिक चेतावनी छपी होती है ना कि सचित्र।

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