फैकल्टी भर्ती में आरक्षण की मांग वाली याचिका पर केंद्र और आईआईटी को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
आरक्षण नीति पर न्यायालय फैकल्टी भर्ती में आरक्षण की मांग वाली याचिका पर केंद्र और आईआईटी को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
- आईआईटी फैकल्टी भर्ती के लिए पारदर्शी नहीं है- याचिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सभी 23 आईआईटी को शोध डिग्री कार्यक्रमों में प्रवेश और फैकल्टी की भर्ती में आरक्षण नीति का पालन करने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति एल. एन. राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और बी. वी. नागरत्न की पीठ ने मामले में दलीलें सुनने के बाद केंद्र और सभी आईआईटी को नोटिस जारी किया। सच्चिदा नंद पांडे द्वारा एडवोकेट अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि आईआईटी फैकल्टी (शिक्षकों) की भर्ती के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार, पक्षपात और भेदभाव की संभावना बढ़ गई है।
याचिका में कहा गया है, आईआईटी फैकल्टी सदस्यों की भर्ती के लिए पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहे हैं, जो गैर-योग्य उम्मीदवारों के लिए आईआईटी में प्रवेश के लिए खिड़की खोलते हैं, जिससे भ्रष्टाचार, पक्षपात और भेदभाव की संभावना बढ़ जाती है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एससी (15 प्रतिशत), एसटी (7.5 प्रतिशत) और ओबीसी (27 प्रतिशत) से संबंधित सामाजिक रूप से हाशिए के समुदाय को आईआईटी द्वारा आरक्षण नीति के अनुसार आरक्षण प्रदान नहीं किया जा रहा है। याचिका में यह तर्क दिया गया है कि आईआईटी द्वारा अनुसंधान कार्यक्रम में प्रवेश लेने और फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से असंवैधानिक और अवैध है तथा इसमें मनमानी की जा रही है।
याचिका में आगे कहा गया है, यह प्रस्तुत किया जाता है कि प्रतिवादी संख्या 2-24 (आईआईटी) द्वारा अनुसंधान कार्यक्रम में प्रवेश लेने और फैकल्टी सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह से असंवैधानिक, अवैध और मनमानी है। प्रतिवादी 2-24 संवैधानिक जनादेश के अनुसार आरक्षण के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। याचिका में यह प्रस्तुत किया गया है कि केंद्र सरकार ने जून 2008 में आईआईटी निदेशकों (खड़गपुर, मद्रास, बॉम्बे, कानपुर, रुड़की और गुवाहाटी) को एक शिक्षण की आवश्यकता में एससी, एसटी और ओबीसी श्रेणियों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहायक प्रोफेसर स्तर पर और मानविकी और प्रबंधन विभाग में सभी स्तरों (सहायक, सहयोगी और प्रोफेसर) पर आरक्षण लागू करने के लिए लिखा था।
याचिका में मांग करते हुए कहा गया है, उत्तरदाताओं (केंद्र और 23 आईआईटी) के खिलाफ परमादेश या किसी अन्य रिट, आदेश या निर्देश की एक रिट जारी करें और उत्तरदाताओं को अनुसंधान डिग्री कार्यक्रमों में प्रवेश तथा आईआईटी में फैकल्टी की भर्ती में आरक्षण नीति का पालन करने का निर्देश दिया जाए।
(आईएएनएस)