केंद्र की योजना: SC ने सरकार के 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' पर रोक लगाने से किया इनकार

केंद्र की योजना: SC ने सरकार के 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' पर रोक लगाने से किया इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-30 09:58 GMT
केंद्र की योजना: SC ने सरकार के 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' पर रोक लगाने से किया इनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार की योजना "सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट" पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला लिया है। मुख्य न्यायाधीश एसए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, कोविड-19 के समय में कोई भी कुछ नहीं करने जा रहा है। कोई जल्दी नहीं है। केंद्र द्वारा पुनर्विकास योजना की भूमि उपयोग में बदलाव को सूचित करने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। बता दें कि, "सेंट्रल विस्टा" योजना के तहत लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के दायरे में सेंट्रल विस्टा का विकास किया जाने का प्रस्ताव है।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज किया है जिसमें कहा गया था, डीडीए को "सेंट्रल विस्टा" परियोजना को मंजूरी देने के लिए मास्टर प्लान में बदलाव की अधिसूचना जारी करने से पहले कोर्ट को अवगत कराने की जरूरत नहीं है।

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दरअसल सेंट्रल विस्टा को पुर्नविकसित करने की योजना को सरकार द्वारा मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए 2024 डेडलाइन है। केंद्र की यह योजना करीब 20 हजार करोड़ रुपये की है। इसी साल केंद्र ने संसद, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक जैसी संरचनाओं द्वारा चिंन्हित लुटियंस दिल्ली के केंद्र में लगभग 90 एकड़ भूमि से संबंधित भूमि उपयोग में बदलाव को अधिसूचित किया गया था। 

जानिए विस्टा प्रोजेक्ट के बारे में...
सरकार के इस प्रोजेक्ट से संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले हरित क्षेत्र में मौजूद सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना को आकार दिया जाएगा। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस योजना को तीन चरणों में पूरा किए जाने का लक्ष्य है। पहले चरण में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर के दायरे में मौजूद "सेंट्रल विस्टा क्षेत्र" को 2021 तक नया रूप दिया जाना है। जबकि संसद भवन की नई इमारत का निर्माण 2022 तक। तीसरे चरण में सभी केन्द्रीय मंत्रालयों को एक ही स्थान पर समेकित करने के लिये प्रस्तावित समग्र केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक करने का लक्ष्य है।

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